रिषभ शेट्टी की फिल्म ‘कांतारा' को दुनिया भर में दर्शकों ने खूब पसंद किया। फिल्म ने कमाई के रिकॉर्ड तोड़ते हुए दुनियाभर में 400 करोड़ से भी ज्यादा का बिजनेस किया। अब इस फिल्म की तुलना कुछ साल पहले आई ‘तुम्बाड' से की जा रही है। तुम्बाड के फिल्ममेकर ने कांतारा के बारे में कुछ ऐसा कहा है जिससे हर कोई हैरान है। यूजर्स भी इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
कांतारा और तुम्बाड की तुलना
रिषभ शेट्टी की
फिल्म कांतारा 30 सितंबर को रिलीज की गई थी। दर्शकों के बीच फिल्म की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिलीज के इतने दिन बाद भी यह फिल्म थिएटर्स में दर्शकों का लगातार मनोरंजन कर रही है। फिल्म को कन्नड़ समेेत हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज किया गया था। फिल्म ने हर भाषा में लोगों का मनोरंजन किया। फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी काफी सराहना मिली। इस फिल्म की बराबरी साल 2018 में आई ‘तुम्बाड' से की जा रही है।
आनंद गांधी का ट्वीट
डायरेक्टर राही बर्वे की फिल्म ‘तुम्बाड' साल 2018 में आई थी। फिल्म कुछ खास नहीं कर पाई। हालांकि इसे देखने वालों का कहना है कि फिल्म का बहुत-सा हिस्सा
कांतारा की तरह ही माइथोलॉजी से जुड़ा है। लोगों ने जब कांतारा देखी तो वह हैरान रह गए। फिल्म तुम्बाड के प्रोड्यूसर आनंद गांधी ने भी कांतारा को लेकर एक पोस्ट शेयर किया है। इसके बाद से सोशल मीडिया पर दोनों फिल्म की तुलना होने लगी है। आनंद गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘कांतारा बिल्कुल भी तुम्बाड़ जैसी नहीं है।'
यूजर्स ने दिया रिएक्शन
आनंद गांधी ने के पोस्ट पर लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। एक यूजर ने लिखा, ‘तुलना करने की कोई वजह ही नहीं है। कातांरा कल्चर को स्वीकार करती है और सेलिब्रेट करती है। तुम्बाड ऐसी नहीं है। तुम्बाड में अच्छा सिनेमेटिक एक्सपीरिएंस था, लेकिन तुम्बाड के अंत में अच्छा महसूस करने लायक कुछ नहीं था, जबकि कांतारा आपको खुश करती है।‘ कई यूजर्स ने कांतारा को जंगल और जंगल में रहने वाले लोगों के बीच का रिश्ता बताया। कई लोगों ने आनंद गांधी से सहमति भी जताई। कुछ लोगों ने कहा कि दोनों फिल्मों का अपना-अपना मजा है।