भारत की ओर से ऑस्कर 2023 के लिए भेजी गई फिल्म छेलो शो (Chhello Show) सुर्खियों में है। इस गुजराती फिल्म ने ऑस्कर की रेस में शामिल कई हिंदी फिल्मों को पीछे छोड़ दिया। छेलो शो कल यानी शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। फिल्म के किरदारों से जुड़ीं कई दिलचस्प जानकारियां सामने आ रही हैं। फिल्म में अहम भूमिका निभाने वाले भाविन रबारी (Bhavin Rabari) की जिंदगी की भी कुछ बातें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि भाविन के पैरंट्स अपने बेटे को फिल्म में काम नहीं करने देना चाहते थे। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले भाविन के पिता ड्राइवर और मां हाउसवाइफ हैं। आखिर कैसे उन्हें इस फिल्म में रोल मिला आइए जानते हैं।
बताया जा रहा है कि भाविन जिस स्कूल में पढ़ रहे थे, वहां कुछ लोग आए। उन लोगों ने क्लास के सभी बच्चों से बात की। बच्चों से उनके फेवरेट हीरो के बारे में पूछा गया। सभी बच्चों की तरह भाविन ने भी जवाब दिया। कहा कि उन्होंने अमिताभ बच्चन और टाइगर श्राफ बहुत पसंद हैं। स्कूल आए लोगों ने भाविन का चयन किया। उनसे बाल नहीं कटवाने को कहा गया था। कुछ दिन बाद स्कूल प्रिंसिपल ने भाविन को बताया कि एक रेजॉर्ट में जाना है। उसके बाद भाविन को फिल्म की शूटिंग के लिए कॉल आया। कास्टिंग डायरेक्टर ने भाविन को बताया कि तीन महीने के लिए फिल्म से जुड़ना होगा।
भाविन के मुताबिक, उनके पैरंट्स उन्हें फिल्म में काम नहीं करने देना चाहते थे। हालांकि एक रिश्तेदार के समझाने पर भाविन के पैरंट्स ने उन्हें भेज दिया। इसके बावजूद परिवार के कुछ लोग भाविन के पैरंट्स को बोलते थे कि उसे गंदी जगह भेज रहे हो। इस पर भाविन की मां ने कहा था कि मेरे दो बच्चे हैं। एक चला गया है, तो जाने दो। मैं दूसरे को पढ़ाऊंगी।
भाविन अभी 8वीं में हैं। जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई, तो वह 5वीं में थे। अपने स्कूल में फर्स्ट आते थे। 7वीं क्लास में वह सेकंड आए, तो दोस्तो ने भी सुनाया। कहा कि तू फिल्म में जा रहा है, इसलिए सेकंड आया। हालांकि भाविन लोगों के बीच पॉपुलर हो गए थे। उन्होंने बताया कि जब दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जाते थे, तब कई लोग वहां पहुंचते थे और उनके साथ फोटो क्लिक करवाते थे। भाविन ने कहा कि उन्हें कैमरे से कभी कोई परेशानी नहीं हुई। वह पहले टिकटॉक पर वीडियो बना चुके थे। भाविन ने बताया कि फिल्म से जुड़े लोग काफी अच्छे थे। एक दीदी उन्हें स्क्रिप्ट याद करने में मदद करती थीं और स्कूल होमवर्क भी करवा देती थीं।
भाविन ने कहा है कि अगर ऑस्कर उनके गांव में आएगा, तो गांव का नाम रोशन हो जाएगा। भाविन ने बताया कि अपनी पहली फीस उन्होंने पापा को दे दी थी। उनमें से कुछ पैसों से एक साइकिल जरूर खरीदी। हालांकि मुंबई जाने पर भाविन को घर की बहुत याद आती है।