अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर Tesla ने भारत से 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने की योजना बनाई है। कंपनी ने पहले ही देश से लगभग एक अरब डॉलर के कंपोनेंट्स की सोर्सिंग की है। दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) मेकर टेस्ला की योजना भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग करने की भी है।
ट्रेड मिनिस्टर Piyush Goyal ने ऑटोमोबाइल कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में बताया, "पिछले वर्ष टेस्ला ने देश से लगभग एक अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदे थे। मेरे पास उन कंपनियों की लिस्ट है जिन्होंने टेस्ला को कंपोनेंट्स की सप्लाई की है। इस वर्ष टेस्ला का टारगेट 1.7-1.9 अरब डॉलर के कंपोनेंट्स खरीदने का है।" हाल ही में
टेस्ला के सीनियर एग्जिक्यूटिव्स ने देश में फैक्टरी लगाने की योजना के बारे में गोयल के साथ मीटिंग की थी। इस फैक्टरी में बनने वाले EV का प्राइस लगभग 24,000 डॉलर का होगा। इस फैक्टरी से देश में EV की बिक्री के साथ ही एक्सपोर्ट भी किया जाएगा।
टेस्ला की चीन की फैक्टरी ने चार वर्षों में 20 लाख यूनिट्स के प्रोडक्शन का आंकड़ा हासिल किया था। इस फैक्टरी में टेस्ला की मॉडल 3 और मॉडल Y इलेक्ट्रिक कारें बनाई जाती हैं। इन कारों की चीन में बिक्री के साथ एक्सपोर्ट भी होता है। कंपनी के लिए यह वॉल्यूम के लिहाज से सबसे बड़ी फैक्टरी है। टेस्ला के लिए चीन एक बड़ा मार्केट है। पिछले महीने कंपनी ने चीन में 84,159 यूनिट्स की बिक्री की थी। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। हाल ही में टेस्ला ने मॉडल 3 और मॉडल Y के प्राइसेज में कटौती की थी। इससे कंपनी की बिक्री तेजी से बढ़ी है। चीन के शंघाई में मौजूद इस फैक्टरी में प्रत्येक 40 सेकेंड में एक इलेक्ट्रिक कार तैयार होती है। पिछली कुछ तिमाहियों से टेस्ला के CEO, Elon Musk प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
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कंपनी की देश में यूनिट Tesla India Motor and Energy ने महाराष्ट्र में पुणे के विमान नगर में एक ऑफिस स्पेस लीज पर लिया है। टेस्ला ने लगभग दो वर्ष पहले बेंगलुरु में अपनी सब्सिडियरी को रजिस्टर्ड कराया था। कंपनी की फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग पांच लाख यूनिट्स की हो सकती है।