बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल Tesla ने कुछ वर्षों के इंतजार के बाद सायबरट्र्क को लॉन्च कर दिया है। इस इलेक्ट्रिक पिक-अप ट्रक को कंपनी के CEO, Elon Musk ने लगभग चार वर्ष पहले पेश किया था। टेस्ला ने इसकी शुरुआती यूनिट्स कस्टमर्स को सौंपी हैं।
हालांकि,
टेस्ला के सायबरट्रक का प्राइस अनुमान से अधिक है। इसका कुल आउटपुट इसके बीस्ट मोड को एक्टिवेट करने पर 845 hp का है।
कंपनी ने बताया है कि यह 6.5 सेकेंड में 60 mph की स्पीड पकड़ सकता है। इसकी क्षमता 6,500 किलोग्राम तक कार्गो को ले जाने की है। सायबरट्रक की फुल चार्ज में रेंज वेरिएंट के आधार पर 550 किलोमीटर से 720 किलोमीटर की है। टेस्ला का टारगेट इस वर्ष के अंत तक सायबरट्रक की 10,000 यूनिट्स की डिलीवरी करने की है। इसका प्राइस लगभग 40,000 डॉलर होने का अनुमान था। हालांकि, यह इससे काफी अधिक है।
सायबरट्रक का मुकाबला GMC Hummer EV और Ford F-150 Lightning से होगा। हाल ही में कंपनी के चीफ Elon Musk ने बताया था कि सायबरट्रक का प्रोडक्शन बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। कस्टमर्स को इसकी डिलीवरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा टेस्ला की इस वर्ष के अंत तक फुली ऑटोनॉमस व्हीकल्स को लॉन्च करने की तैयारी है। पिछले कुछ वर्षों से कंपनी इस टेक्नोलॉजी को डिवेलप कर रही है। इससे पहले मस्क फुली ऑटोनॉमस सेल्फ-ड्राइविंग व्हीकल्स लाने की अपनी समयसीमा को पूरा करने में नाकाम रहे थे।
टेस्ला ने भारत में फैक्टरी लगाने के लिए केंद्र सरकार के साथ एक इनवेस्टमेंट प्रपोजल पर बातचीत शुरू की है। टेस्ला की फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग पांच लाख यूनिट्स की होगी। कंपनी की भारत में बनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज 20 लाख रुपये से शुरू हो सकते हैं। इसकी योजना भारत को एक्सपोर्ट के लिए बेस बनाने की भी है। कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मस्क की अमेरिका में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में मोदी ने मस्क को भारत में इनवेस्टमेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसके बाद मस्क ने कहा था कि वह जितना जल्द हो सके देश में इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर रहे हैं। टेस्ला ने सरकार से शुरुआत में इम्पोर्ट टैरिफ में छूट का निवेदन किया है जिससे वह कम्प्लीटली बिल्ट यूनिट (CBU) कारों के इम्पोर्ट पर 70 प्रतिशत की कस्टम्स ड्यूटी के बोझ को कुछ घटा सके।