जर्मनी की लग्जरी कार मेकर Mercedes-Benz के लिए देश में ऐसे कस्टमर्स बढ़ रहे हैं जिन्होंने अपनी पहली लग्जरी कार के तौर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल को चुना है। लग्जरी कारों की डिमांड में तेजी से मर्सिडीज ने मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में लगभग 9,300 यूनिट्स की बिक्री की है। इसमें इलेक्ट्रिक मॉडल्स की हिस्सेदारी लगभग पांच प्रतिशत की है।
पिछले वर्ष कंपनी की बिक्री में
EVs का योगदान लगभग 2.5 प्रतिशत का था। मर्सिडीज के मैनेजिंग डायरेक्टर ने Reuters को बताया कि EVs खरीदने वालों में युवा कस्टमर्स की संख्या बढ़ रही है। देश में कंपनी ने मंगलवार को EQS 580 SUV लॉन्च की है। इसका प्राइस लगभग 1,68,200 डॉलर का है। इस वर्ष मर्सिडीज के EVs के कस्टमर्स में लगभग 15 प्रतिशत ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार लग्जरी कार खरीदी है। पिछले वर्ष यह संख्या लगभग पांच प्रतिशत की थी। कंपनी ने कुछ नई इलेक्ट्रिक SUV लॉन्च की हैं जिससे इसे बिक्री बढ़ाने में सहायता मिली है।
देश का EV मार्केट बढ़ रहा है। पिछले वर्ष लगभग 42 लाख कारों की बिक्री हुई थी और इनमें इलेक्ट्रिक मॉडल्स की हिस्सेदारी लगभग दो प्रतिशत की थी। केंद्र सरकार का लक्ष्य इसे 2030 तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का है। देश में मर्सिडीज के पोर्टफोलियो में 18 कम्बश्चन इंजन वाले और छह इलेक्ट्रिक मॉडल हैं। लगभग दो वर्ष पहले कंपनी ने देश में EVs की असेंबलिंग शुरू की थी। देश में फुली बिल्ट कारों के इम्पोर्ट पर 100 प्रतिशत तक टैक्स लगता है। इस वर्ष की शुरुआत में मर्सिडीज ने बताया था कि वह देश में 2.4 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट करेगी। देश में मर्सिडीज की पहली इलेक्ट्रिक कार EQC थी।
इस वर्ष की पहली छमाही में लग्जरी कार मार्केट में मर्सिडीज का पहला स्थान है। कंपनी की
सेल्स लगभग नौ प्रतिशत बढ़कर 9,262 यूनिट्स की रही। दूसरे स्थान पर BMW है, जिसने 7,089 यूनिट्स बेची हैं। मर्सिडीज को बिक्री का बड़ा हिस्सा SUV सेगमेंट से मिला है। इसके GLA, GLC, GLE और GLS जैसे मॉडल्स की इस सेगमेंट में मजबूत डिमांड है। मर्सिडीज की A-Class, C-Class, E-Class और S-Class जैसी लग्जरी सेडान को भी कस्टमर्स से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। लग्जरी कार मार्केट के EV सेगमेंट में भी कंपनी सबसे आगे है।
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