आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी में इंसान के पास समय की बहुत कमी दिखती है। ऐसे में मोबाइल फोन की चार्जिंग में लगने वाला समय भी अब धीरे-धीरे कंपनियां घटाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। वहीं, इलेक्ट्रिक कारों के बढ़ते चलन के कारण अब कार चार्जिंग टाइम भी आने वाले समय में परेशानी का सबब बन सकता है। लेकिन भारतीय मूल के एक शोधकर्ता ने ऐसी तकनीक खोजने का दावा किया है, जिसकी मदद से इलेक्ट्रिक कार को केवल 10 मिनट में, और एक बैटरी डेड हो चुके मोबाइल फोन को सिर्फ 1 मिनट में चार्ज किया जा सकेगा!
इस नई तकनीक खोज करने वाले शख्स का नाम अंकुर गुप्ता बताया जा रहा है।
IBT की रिपोर्ट के मुताबिक, अंकुर गुप्ता University of Colorado Boulder में कैमिकल और बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। अंकुर गुप्ता ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस नई तकनीक की खोज की है। Proceedings of the National Academy of Sciences नामक जर्नल में एक स्टडी इसे लेकर पब्लिश की गई है। जिसमें आयन (ion), जो कि चार्ज लिए हुए कण होते हैं, की गति की बात की गई है।
गुप्ता के अनुसार, इस खोज के माध्यम से ज्यादा स्टोरेज वाले सुपरकैपेसिटर्स बनाए जा सकते हैं। सुपरकैपेसिटर्स ऐसे स्टोरेज डिवाइस होते हैं जो अपनी एनर्जी स्टोरेज के लिए आयन के जमाव पर निर्भर करते हैं। पारंपरिक बैटरियों की तुलना में सुपरकैपेसिटर्स कहीं अधिक फास्ट चार्जिंग दे सकते हैं और ये टिकाऊ भी लम्बे समय तक रह सकते हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के मुताबिक, यह खोज केवल
EV में एनर्जी स्टोरेज, या इलेक्ट्रोनिक डिवाइसेज के लिए उपयोगी नहीं है, बल्कि पावर ग्रिड में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
उन्होंने पावर ग्रिड के बारे में बताया कि पावर ग्रिड की फ्लक्चुएटिंग एनर्जी के लिए ऐसे स्टोरेज डिवाइसेज चाहिए हैं जो कि कम मांग के समय इसे बर्बाद होने से बचा सकें, और अधिक मांग के समय सप्लाई तेजी से कर सकें। इसलिए सुपरकैपेसिटर्स की प्रमुख विशेषता इनकी स्पीड ही होती है। गुप्ता ने बताया कि आने वाले समय में पृथ्वी का भविष्य एनर्जी (इलेक्ट्रिक) पर ही निर्भर करेगा। इसलिए उन्होंने अपने कैमिकल इंजीनियरिंग के ज्ञान को इसी दिशा में लगाने की सोची। उम्मीद की जा सकती है जल्द ही हमारे पास ऐसे सुपरकैपेसिटर्स उपलब्ध होंगे जो मिनट भर में ही मोबाइल फोन को चार्ज कर दिया करेंगे।