ISRO Pushpak Viman RVL : भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) अपने रीयूजेबल लॉन्च वीकल (RLV) को एक बार फिर टेस्ट कर सकती है। मौसम ठीक रहा तो RLV के साथ तीसरी लैंडिंग की कोशिश करेगा इसरो। इसका नाम पुष्पक (Pushpak) भी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तीसरी लैंडिंग के लिए पुष्पक और चिनूक हेलीकॉप्टर समेत बाकी तैयारियां कर ली गई हैं। मौसम ने साथ नहीं दिया तो लॉन्च टेस्ट को अगले सप्ताह के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
एक साल से हो रही टेस्टिंग
RLV को सबसे पहले 2 अप्रैल 2023 को ISRO, DRDO और इंडियन एयरफोर्स ने मिलकर लैंडिंग टेस्ट किया था। तब आरएलवी को चिनूक हेलिकॉप्टर से करीब पांच किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया था। दूसरी बार इसका लैंडिंग टेस्ट इस साल 22 मार्च को किया गया। तीसरी लैंडिंग का मकसद वीकल की परफॉर्मेंस, गाइडेंस और लैंडिंग क्षमताओं को इम्प्रूव करना है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, RLV को डेवलप करने वाले विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर ने कहा कि हम इंतजार कर रहे हैं। फिलहाल मौसम खराब है। 14 तारीख तक मौसम में सुधार होने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो हम अगले सप्ताह एक्सपेरिमेंट कर सकते हैं। यह आखिरी लैंडिंग एक्सपेरिमेंट होगा और उसके बाद ऑर्बिटल में री-एंट्री की कोशिश शुरू की जाएगी।
क्या काम करेगा पुष्पक?
पुष्पक विमान के नाम से प्रचलित RLV एक तरह का स्पेस शटल है। जब यह तैयार हो जाएगा तो इसकी मदद से स्पेस में सैटेलाइट्स और कार्गो को पहुंचाया जाएगा। इसे पूरी तरह से देश में डेवलप किया जा रहा है। जब इसका बड़ा वर्जन रेडी हो जाएगा तो उससे अंतरिक्ष में पहुंचने की उम्मीदें बढ़ जाएंगी।
रीयूजेबल लॉन्च वीकल के होने से भारत का स्पेस लॉन्च में होने वाला खर्च कम हो सकता है। अमेरिका की प्राइवेट स्पेस कंपनी ‘स्पेसएक्स' काफी वक्त से रीयूजेबल लॉन्च वीकल्स को इस्तेमाल कर रही है।