Zilliqa (ZIL) टोकन की कीमतें हफ्ते भर में 5 गुना बढ़ी

दो हफ्ते पहले तक Zillqa की कीमत $0.041 (लगभग 3.12 रुपये) पर थी और वर्तमान में यह $0.2 (लगभग 15.7 रुपये) पर पहुंच चुकी है। 

Zilliqa (ZIL) टोकन की कीमतें हफ्ते भर में 5 गुना बढ़ी

Zillqa ब्लॉकचेन का संबंध मेटापॉलिस से सीधा जुड़ा हुआ है। मेटापॉलिस जिलिका पर ही बनाया गया है।

ख़ास बातें
  • मेटापॉलिस, मेटावर्स के लिए सर्विस प्रोवाइड करवाने वाला प्लेटफॉर्म है।
  • Zilliqa पिछले दो हफ्ते में पांच गुना बढ़ चुका है।
  • Meta ने भी जनवरी में Metapolis में अपनी भागीदारी की घोषणा की थी।
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क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में जिलिका (Zilliqa) ब्लॉकचेन का टोकन नए रिकॉर्ड बना रहा है। Defi ब्लॉकचेन Zilliqa का टोकन ZIL पिछले दो हफ्ते में पांच गुना बढ़ चुका है। दो हफ्ते पहले तक जहां इसकी कीमत $0.041 (लगभग 3.12 रुपये) पर थी, वर्तमान में $0.2 (लगभग 15.7 रुपये) पर पहुंच चुकी है। 

गैजेट्स 360 क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर के माध्यम से इस टोकन की पिछले दो हफ्ते ग्रोथ का साफ पता चलता है। Zilliqa (ZIL) प्राइस हिस्ट्री बताती है कि 16 मार्च के दिन Zilliqa की कीमत 3.84 रुपये थी। धीरे धीरे क्रिप्टोकरेंसी की कीमत ऊपर जाने लगी। उसके बाद 27 मार्च को इसकी कीमत में महत्वपूर्म उछाल आया और टोकन 4.92 रुपये पर पहुंच गया। इसने अगली बड़ी छलांग 28 मार्च को लगाई जब टोकन की कीमत एकदम से 8.48 रुपये पर पहुंच गई। उसके बाद 31 मार्च को 12.49 रुपये, कल यानि 1 अप्रैल को 13.49 रुपये और मेटापॉलिस के लॉन्च के दिन यानि आज 2 अप्रैल को इसकी कीमत 15.71 रुपये पर ट्रेड कर रही है। कुल मिलाकर पिछले दो हफ्ते में यह 5 गुना ग्रोथ कर चुका है, जो  अपने आप में एक रिकॉर्ड है। 

दरअसल आज डिजिटल वर्ल्ड में एक और प्लेटफॉर्म की एंट्री होने जा रही है जिसे मेटापॉलिस (Metapolis) कहा गया है। मेटापॉलिस, मेटावर्स के लिए सर्विस प्रोवाइड करवाने वाला प्लेटफॉर्म है जो क्लाइंट को एक खाली स्थान उपलब्ध करवाता है। इसे इस तरह से समझें कि आपको एक खाली स्लेट दे दी जाए और आप उस पर अपना मन चाहा कुछ भी चित्रण कर सकें। मेटापॉलिस भी क्लाइंट को एक ब्लैंक स्पेस उपलब्ध करवाता है जिस पर वह अपना खुद का मेटावर्स तैयार कर सकता है।  

Zillqa ब्लॉकचेन का संबंध मेटापॉलिस से सीधा जुड़ा हुआ है। मेटापॉलिस जिलिका पर ही बनाया गया है। यह लेयर 2 स्केलिंग सॉल्यूशन का इस्तेमाल करता है जिसे शार्डिंग (sharding) या 'टुकडों में कर देना' कहते हैं। इसके माध्यम से ट्रांजैक्शन का वर्कलोड बंट जाता है। यही तरीका हाल ही में इथेरियम ने भी टेस्ट किया था।  

दो दिन पहले यानि 31 मार्च को इथेरियम के ट्विटर हैंडल से एक पोस्ट जारी कर इसकी जानकारी दी गई। पोस्ट में लिखा गया था (हिंदी में अनुवादित), "Zilliqa ने अपनी मेटा सिटी बनाई है और इसे मेटापॉलिस का नाम दिया है। 2 अप्रैल को मायामी के इवेंट में इस पर से पर्दा उठाया जाएगा।"  

इससे पहले Meta (पहले Facebook) ने भी जनवरी में इस प्रोजेक्ट में अपनी भागीदारी के बारे में घोषणा की थी। कंपनी ने ट्विटर पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी थी। मेटा भी मेटावर्स पर फोकस कर रही है क्योंकि कंपनी का मानना है कि भविष्य में हम अपनी रियल लाइफ से ज्यादा अपनी वर्चुअल लाइफ में व्यस्त रहने लगेंगे। 

Metapolis का लॉन्च इवेंट शनिवार को मायामी में लाइव आयोजित होगा। इसी शहर में अब तक की सबसे बड़ी बिटकॉइन कॉन्फ्रेंस भी इसके कुछ दिन बाद ही होनी है। 
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हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

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