Terra USD में गिरावट के बाद सतर्क हुई अमेरिकी क्रिप्टो इंडस्ट्री

अमेरिकी सांसदों ने UST के स्ट्रक्चर पर प्रश्न किए हैं। वे यह जानना चाहते हैं कि क्या इसकी गिरावट को रोका जा सकता था और क्या अन्य स्टेबलकॉइन्स के साथ भी ऐसा ही हो सकता है

Terra USD में गिरावट के बाद सतर्क हुई अमेरिकी क्रिप्टो इंडस्ट्री

गिरावट की स्थिति का गलत इस्तेमाल कर Terra ब्लॉकचेन को नुकसान पहुंचाया जा सकता है

ख़ास बातें
  • अमेरिकी सांसदों ने UST के स्ट्रक्चर पर प्रश्न किए हैं
  • वे यह जानना चाहते हैं कि क्या इसकी गिरावट रुक सकती थी
  • क्रिप्टो इंडस्ट्री ने पिछले वर्ष लॉबीइंग पर बड़ी रकम खर्च की थी
विज्ञापन
पिछले सप्ताह TerraUSD में भारी गिरावट के बाद स्टेबलकॉइन्स को लेकर अमेरिकी सांसदों ने आशंकाएं जताई हैं। बड़ी क्रिप्टो फर्मों का प्रतिनिधित्व करने वाली ब्लॉकचेन एसोसिएशन और चैंबर ऑफ डिजिटल कॉमर्स का कहना है कि UST कहे जाने वाले TerraUSD के डॉलर के साथ अपने जुड़ाव को तोड़ने और लगभग 90 प्रतिशत गिरने के बाद से उन्हें सांसदों की ओर से कई प्रश्न मिल रहे हैं। 

अन्य स्टेबलकॉइन्स का सामान्य एसेट्स में रिजर्व होता है लेकिन TerraUSD इसे एक एल्गोरिद्म के जरिए बरकरार रखता है, जो एक अन्य बैलेंसिंग टोकन Luna के इस्तेमाल से सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित रखती है। स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। इससे जुड़ी ब्लॉकचेन के डिवेलपर्स ने सिक्योरिटी को मजबूत रखने के लिए ट्रांजैक्शंस को रोका है लेकिन इससे Terra कम्युनिटी के मेंबर्स नाराज हैं। गिरावट की स्थिति का गलत इस्तेमाल कर Terra ब्लॉकचेन को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। 

अमेरिकी सांसदों ने UST के स्ट्रक्चर पर प्रश्न किए हैं। वे यह जानना चाहते हैं कि क्या इसकी गिरावट को रोका जा सकता था और क्या अन्य स्टेबलकॉइन्स के साथ भी ऐसा ही हो सकता है। ब्लॉकचेन एसोसिएशन की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर Kristin Smith ने कहा, "हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि स्टेबलकॉइन्स को लेकर हम सतर्क हैं क्योंकि हमारा मानना है कि ये क्रिप्टो के इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेंगे।" पिछले वर्ष नवंबर में क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री के बढ़कर 3 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचने के बाद से रेगुलेटर्स और सांसदों की ओर से इस सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाने की जरूरत बताई जा रही है।

क्रिप्टो इंडस्ट्री ने भी इस वजह से अमेरिका में राजनीति के केंद्र वॉशिंगटन में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। इस इंडस्ट्री ने पिछले वर्ष लॉबीइंग पर बड़ी रकम खर्च की थी। पिछले कुछ सप्ताह में भारी गिरावट के कारण क्रिप्टो मार्केट 1.98 लाख करोड़ डॉलर से घटकर 1.3 करोड़ डॉलर का हो गया है। इनवेस्टर्स ने इंटरेस्ट रेट बढ़ने के कारण बिकवाली की है जिससे बहुत सी क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज काफी गिर गए। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Demand, Blockchain, Terra, Industry, America, Supply
गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon की Great Indian Festival सेल में iPhone 15 को 45,000 रुपये से कम में खरीदने का मौका
  2. AI रिसर्च असिस्टेंट्स के जवाबों के भरोसे हो तो ये खबर आपके लिए है, नई स्टडी ने खोली पोल!
  3. Amazon Great Indian Festival Sale 2025: iQOO स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील्स, होगी हजारों में बचत
  4. भारत में 6G की जबरदस्त तैयारी, गांव से लेकर आसमान तक चलेगा तेज इंटरनेट
  5. Meta Ray-Ban Display स्मार्ट ग्लासेस 12MP कैमरा और डिस्प्ले के साथ लॉन्च, उंगलियों के इशारों पर करेगा काम
  6. Kodak Matrix QLED TV 43, 50, 55 और 65 इंच डिस्प्ले में लॉन्च, जानें कैसे हैं फीचर्स और कीमत
  7. Amazon Great Indian Festival 2025 Sale: OnePlus 13 पर आ गई साल की सबसे बड़ी डील
  8. Honda ने पेश की WN7 इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल, 130 किलोमीटर की रेंज
  9. Xiaomi 15T में मिल सकता है MediaTek Dimensity 8400 Ultra चिपसेट, 5,500mAh बैटरी
  10. क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए जरूरी हुआ सायबर सिक्योरिटी ऑडिट, केंद्र सरकार का फैसला
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »