क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल से टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ने के लिए रूस में सरकार ने क्रिप्टो मार्केट की स्क्रूटनी बढ़ा दी है। रूस की फेडरल टैक्सेशन सर्विस (FNS) ने क्रिप्टोकरंसीज की निगरानी नहीं किए जाने पर इससे देश की ट्रेजरी पर होने वाले नकारात्मक असर को लेकर आशंका जताई है।
FNS के हेड, Danniil Egorov ने एक इंटरव्यू में कहा कि ये डिसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टो टोकन्स रूस के टैक्स बेस में भारी कमी कर सकते हैं। FNS अब क्रिप्टो के जरिए होने वाली टैक्स की चोरी को रोकने के तरीके भी खोज रही है। रूस के मीडिया ग्रुप RBC ने Egorov के हवाले से दी गई
रिपोर्ट में कहा है कि डेटा की बड़ी वॉल्यूम को प्रोसेस करने के लिए ऑटोमेटेड ट्रैकिंग सिस्टम इंस्टॉल किए जा रहे हैं। इससे क्रिप्टो मार्केट के लिंक्स का पता लगाया जा सकेगा।
क्रिप्टोकरंसीज का सिस्टम डिसेंट्रलाइज्ड होता है जिसमें रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल कर रखे जाते हैं। इसमें कोई बैंक या अन्य इंटरमीडियरी शामिल नहीं होते। इस वर्ष की शुरुआत तक रूस में क्रिप्टोकरंसीज की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इनका इस्तेमाल गुड्स और सर्विसेज के एक्सचेंज के तौर पर नहीं किया जा सकता। रूस के लोग क्रिप्टोकरंसीज की माइनिंग, ट्रेड और उन्हें रख सकते हैं।
रूस में क्रिप्टोकरंसीज का पेमेंट के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करने पर रोक है और ऐसा करने वालों को जेल की सजा हो सकती है। हालांकि, रूस की सरकार ने देश की अपनी रेगुलेटेड डिजिटल करंसी बनाने के बारे में बात की है। रूस में 1,300 डॉलर से अधिक की क्रिप्टोकरंसी बिना डिक्लेयरेशन के रखना अपराध है। ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगाए जाने के साथ ही जेल भेजा जा सकता है।
रूस के अलावा कुछ अन्य देश भी क्रिप्टकरंसीज के साथ टैक्सेशन को जोड़ने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, भारत में फाइनेंस मिनिस्ट्री ने क्रिप्टोकरंसी की ट्रेडिंग से हुई आमदनी पर टैक्स लगाने की संभावना का पता लगाने के लिए एक कमेटी बनाई है।
इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden ने भी क्रिप्टोकरंसीज पर लागू होने वाले प्रोविजंस से जुड़ा एक नया कानून बनाने का संकेत दिया था। दुनिया भर में क्रिप्टोकरंसी मार्केट बढ़ रहा है। CoinMarketCap के डेटा के अनुसार, यह मार्केट लगभग 2.9 करोड़ डॉलर का है।