रैंसमवेयर अटैक और साइबर क्राइम में रूस सबसे आगे, पिछले साल क्रिप्टो में ठगे 40 करोड़ डॉलर

डेटा से पता चलता है कि 2021 में रैंसमवेयर के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में $400 मिलियन (लगभग 3,005 करोड़ रुपये) से अधिक की चोरी इसी देश से जुड़े अकाउंट से संबंधित हैं।

रैंसमवेयर अटैक और साइबर क्राइम में रूस सबसे आगे, पिछले साल क्रिप्टो में ठगे 40 करोड़ डॉलर

2021 में रैंसमवेयर के जरिए क्रिप्टो में लगभग 3,005 करोड़ रुपये से अधिक की चोरी रूस से जुड़ी हैं

ख़ास बातें
  • रूस को ज्यादातर क्रिप्टो हैक और साइबर क्राइम से जोड़ा जाता आया है
  • 2021 में रैंसमवेयर से क्रिप्टो में $400 मिलियन की चोरी का लिंक रूस से
  • मध्य और हाई स्कूल से ही छात्रों को दी जाती है कोडिंग ट्रेनिंग
विज्ञापन
रूस को ज्यादातर क्रिप्टो हैक और साइबर क्राइम से जोड़ा जाता आया है, और यह काफी हद तक क्रिप्टोकरेंसी ट्रैकिंग और एनालिटिक्स फर्म Chainalysis के लेटेस्ट डेटा से भी साबित होता है, जहां बताया गया है कि 2021 में रैंसमवेयर के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में $400 मिलियन (लगभग 3,005 करोड़ रुपये) से अधिक की चोरी इसी देश से जुड़े अकाउंट से संबंधित हैं। Chainalysis की इस 2022 की क्रिप्टो क्राइम स्टडी कई दर्जन कंपनियों पर फोकस करती है, जो रूस की राजधानी मॉस्को (Moscow) में मौजूद हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी तिमाही में, "अवैध और जोखिम भरे" ब्लॉकचैन एड्रेस इन क्रिप्टोकरेंसी बिजनेस द्वारा प्राप्त सभी फंड्स का 29% से 48% हिस्सा रखते हैं। फर्म का कहना है कि वैध क्रिप्टो लेनदेन सहित एक तिमाही में कुल ट्रैफिक कभी-कभी 100 करोड़ डॉलर (लगभग 7,510 करोड़ रुपये) से अधिक हो सकता है।

Chainalysis ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "न केवल रैंसमवेयर फंड्स, बल्कि साइबर क्राइम से जुड़े अन्य तरीकों से जुड़े फंड्स की बड़ी मात्रा में क्रिप्टोकरेंसी पर आधारित मनी लॉन्ड्रिंग रूस में पर्याप्त संचालन के साथ कई सर्विसेज के जरिए की जाती है।"

साइबरसिक्योरिटी अन्वेषक ब्रायन क्रेब (Brian Kreb) का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस में मध्य और हाई स्कूल से ही छात्रों के बीच कोडिंग ट्रेनिंग, कंप्यूटर साइंस और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी को सिखाने पर फोकस किया जाता है, जिससे देश का हैकर्स से जुड़ा एक लंबा इतिहास रहा है। ऐसे में कुशल छात्रों को उनके कौशल की तुलना में कम तनख़्वाह वाली नौकरी मिलना, उनमें से कई लोगों को साइबर क्राइम और क्रिप्टो हैकिंग की ओर धकेल रहा है। Chainalysis बताता है कि इस तरह के सिस्टम के चलते यह आश्चर्य की बात नहीं है कि रूस ग्लोबल रैंसमवेयर में सबसे आगे है।

न केवल रैंसमवेयर अटैक के मामले में रूस आगे है, बल्कि Chainalysis ब्लॉकचैन फोरेंसिक और वेब ट्रैफिक डेटा बताता है कि ज्यादातर रैंसमवेयर अटैक के बाद वसूला गए पैसे या फंड्स को मुख्य रूप से रूसी यूज़र्स के लिए बनी सर्विस के जरिए लॉन्डर भी किया जाता है। रिपोर्ट बताती है कि ज्यादातर हैकर्स मॉस्को शहर में फेडरेशन टॉवर से ऑपरेट करते हैं।

फेडरेशन टॉवर मॉस्को सिटी के केंद्र में एक कॉम्प्लेक्स है और इसे रूस में सबसे पॉपुलर इमारतों में से एक माना जाता है। Bloomberg की रिपोर्ट कहती है कि कॉम्प्लेक्स में कई बड़े बिजनेस के मुख्यालय स्थापित हैं, जो मिलकर साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  4. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  5. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  6. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  7. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  8. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  9. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  10. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »