सरकार के क्रिप्टो बिल लाने में देरी का कारण हो सकता है RBI

RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर आगे बढ़ने में जल्दबाजी नहीं होगी क्योंकि इससे मॉनेटरी पॉलिसी बनाने, एनर्जी की खपत और प्राइवेसी से जुड़े आशंकाएं हैं

विज्ञापन
Press Trust of India, अपडेटेड: 24 फरवरी 2022 15:53 IST
ख़ास बातें
  • सरकार की क्रिप्टोकरंसीज पर संसद में एक बिल लाने की योजना थी
  • RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरंसीज से वित्तीय स्थिरता को खतरा हो सकता है
  • RBI की ओर से एक डिजिटल करंसी जारी की जाएगी

RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह बैन लगाया जाना चाहिए

क्रिप्टोकरंसीज पर सरकार के प्रस्तावित कानून में देरी का कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का इसे लेकर नजरिया हो सकता है। RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर आगे बढ़ने में जल्दबाजी नहीं होगी क्योंकि इससे मॉनेटरी पॉलिसी बनाने, एनर्जी की खपत और प्राइवेसी से जुड़े आशंकाएं हैं। 

उन्होंने कहा कि बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) को फाइनेंशियल ईयर 2023 में शुरू करने की घोषणा को लागू किया जाएगा। सरकार की बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसीज पर संसद के पिछले शीतकालीन सत्र में एक बिल प्रस्तुत करने की योजना थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पात्रा का कहना था, "क्रिप्टोकरंसीज पर RBI का नजरिया स्पष्ट है। मुझे लगता है कि इसी वजह से बिल में देरी हुई है। हम इस मुद्दे पर एक निष्पक्ष बहस करेंगे और इसमें सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा।" RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह बैन लगाया जाना चाहिए क्योंकि इनके साथ कोई वैल्यू नहीं जुड़ी। इसके अलावा ये वित्तीय स्थिरता के लिए भी एक खतरा हैं। 

CBDC पर पात्रा ने कहा कि ऐसा एक इंस्ट्रूमेंट पहले ही होलसेल सेगमेंट में मौजूद है लेकिन रिटेल के लिए इस पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया,  "इस पर बहुत धीरे आगे बढ़ा जाएगा क्योंकि मॉनेटरी पॉलिसी और प्राइवेसी से जुड़ी आशंकाएं हैं। इसके साथ ही अगर यह प्रोसेस एक विशेष टेक्नोलॉजी पर होता है तो एनर्जी की अधिक खपत की भी एक समस्या है।" उनका कहना था कि RBI इस मुद्दे पर संभलकर कदम उठाएगा।

हाल ही में RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने CBDC को लेकर प्राइवेसी का जोखिम बताया था। इसका कारण इसकी एक यूनिट के पूरे मूवमेंट को ट्रैक करने का फीचर है। इसके लिए डेटा प्रोटेक्शन कानून जैसा कोई नियंत्रण भी नहीं है। उन्होंने कहा था, "RBI या सरकार को यह क्योंकि जानना चाहिए कि मैं प्रत्येक महीने कितनी आइसक्रीम खरीदता हूं या मुझे कौन से लग्जरी ब्रांड्स पसंद हैं। इस वजह से इसे लेकर कुछ मुश्किल है। मुझे लगता है कि CBDC के साथ मजबूत डेटा प्रोटेक्शन कानून होने चाहिए, जो देश और विदेश में लोगों के लिए साख रखते हों। CBDC को जारी करने में डेटा प्रोटेक्शन कानून बहुत महत्वपूर्ण हैं।" 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Regulation, Privacy, RBI, CBDC, Risk, Government
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. सिर्फ 135 सेकेंड में बिक गई 682KM रेंज वाली Mahindra की नई इलेक्ट्रिक एसयूवी, जानें क्या है अलग
  2. Google के इस फोन की गिरी कीमत, खरीदने के लिए आया तगड़ा ऑफर
#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Pixel 10 Pro XL vs Samsung Galaxy S25 Ultra vs iPhone 16 Pro Max: जानें कौन सा फ्लैगशिप फोन है बेस्ट
  2. सिर्फ 135 सेकेंड में बिक गई 682KM रेंज वाली Mahindra की नई इलेक्ट्रिक एसयूवी, जानें क्या है अलग
  3. Delhi Metro का किराया आज से बढ़ा, ऑनलाइन टिकट बुक करते हुए अब 1-5 रुपये देने होंगे ज्यादा
  4. Google के इस फोन की गिरी कीमत, खरीदने के लिए आया तगड़ा ऑफर
  5. BSNL का 4G नेटवर्क जल्द पूरे देश में होगा लॉन्च, सरकार से मिलेगा 6,982 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड 
  6. Oppo F31, Oppo F31 Pro जल्द होंगे भारत में लॉन्च, 7,000mAh की हो सकती है बैटरी
  7. भारत में TikTok पर बैन बरकरार, कंपनी ने अनुमति मिलने से किया इनकार
  8. Redmi 15 5G vs Tecno Pova 7 Pro vs Samsung Galaxy M36 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  9. Google Pixel 10 vs OnePlus 13 vs Samsung Galaxy S25 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  10. Gmail में किसी दूसरी भाषा में आया है ईमेल तो ऐसे करें तुरंत ट्रांसलेट, ऐप का ये फीचर ऐसे करता है काम
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.