क्रिप्टो मार्केट में बिकवाली के कारण बुधवार को गिरावट थी। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस 0.66 प्रतिशत घटकर 42,064 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। क्रिप्टो मार्केट के इंडिकेटर्स से प्रॉफिट बुकिंग होने का संकेत मिल रहा है। पिछले कुछ सप्ताह में इस मार्केट में तेजी रही थी।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether में 1.20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट थी। इसका प्राइस लगभग 2,209 डॉलर पर था। इसके अलावा Ripple, Solana, Cardano, Polkadot, Chainlink, Polygon, Litecoin और Stellar में भी नुकसान था। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.62 प्रतिशत घटकर 1,6 लाख करोड़ डॉलर पर था। क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX के वाइस प्रेसिडेंट, Rajagopal Menon ने Gadgets360 को बताया, "बिटकॉइन में इस वर्ष लगभग 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी से मार्केट में पॉजिटिव सेंटीमेंट बरकरार है। अगले वर्ष इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के बिटकॉइन ETF के साथ इस मार्केट में शामिल होने के पूर्वानुमान से बिटकॉइन के प्राइस में तेजी आ सकती है।"
इस बारे में CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने कहा, "चौथी तिमाही में Solana में यूजर एक्टिविटी 400 प्रतिशत बढ़ी है। Messari की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका कारण SOL नेटवर्क पर कुछ प्रोटोकॉल के टोकन एयरड्रॉप्स की सीरीज को पूरा करने है जिससे Solana के लिए डिमांड में तेजी आई है।"
बिटकॉइन ETF को स्वीकृति मिलने से इसमें क्रिप्टो एक्सचेंजों के अलावा सामान्य मार्केट एक्सचेंजों के जरिए भी इनवेस्टमेंट किया जा सकेगा। पिछले महीने के अंत में बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक
Binance को अमेरिका में एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के उल्लंघन का दोषी पाया गया था। इस वजह से Binance पर 4.3 अरब डॉलर (लगभग 35,827 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगा था। इसके चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, Changpeng Zhao ने इस्तीफा देने की घोषणा की थी। इससे क्रिप्टो मार्केट को बड़ा झटका लगा था। पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले बढ़े हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट के साथ रफ्तार बरकरार रखने की जरूरत है। कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए जा रहे हैं। इससे इस मार्केट पर इनवेस्टर्स का विश्वास बढ़ सकता है।