हांगकांग में क्रिप्टो एसेट्स को रेगुलेट करने की तैयारी, बैन भी लगाया जा सकता है

हांगकांग मॉनेटरी अथॉरिटी का लक्ष्य 2024 तक एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लागू करना है जिसमें क्रिप्टो एसेट्स पर कोई कार्रवाई न करने से लेकर पूरी तरह बैन लगाने की पॉलिसी बनाई जा सकती है

हांगकांग में क्रिप्टो एसेट्स को रेगुलेट करने की तैयारी, बैन भी लगाया जा सकता है

क्रिप्टो एसेट्स का ग्लोबल मार्केट लगभग 2.2 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 16,25,741 करोड़ रुपये) का है

ख़ास बातें
  • क्रिप्टोकरंसीज की तेजी से ग्रोथ से दुनिया भर के रेगुलेटर्स चिंतित हैं
  • HKMA ने इस बारे में स्टेकहोल्डर्स से 31 मार्च तक फीडबैक मांगा है
  • कुछ देशों में क्रिप्टोकरंसीज को लेकर कानून बनाने की तैयारी की जा रही है
विज्ञापन
हांगकांग के सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टो एसेट्स और स्टेबलकॉइन्स को रेगुलेट करने के तरीकों पर कमेंट मांगे हैं। इसका लक्ष्य 2024 तक एक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क लागू करना है जिसमें क्रिप्टो एसेट्स पर कोई कार्रवाई न करने से लेकर पूरी तरह बैन लगाने की पॉलिसी बनाई जा सकती है। क्रिप्टोकरंसीज और विशेषतौर पर स्टेबलकॉइन्स की तेजी से ग्रोथ ने दुनिया भर में रेगुलेटर्स का ध्यान खींचा है। ऐसी आशंका है कि अगर क्रिप्टो एसेट्स की निगरानी नहीं की गई तो इससे फाइनेंशियल सिस्टम के लिए रिस्क हो सकता है।

क्रिप्टो एसेट्स का ग्लोबल मार्केट लगभग 2.2 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 16,25,741 करोड़ रुपये) का है। हांगकांग मॉनेटरी अथॉरिटी (HKMA) के चीफ एग्जिक्यूटिव, Eddie Yue ने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स का फाइनेंशियल सिस्टम के साथ जुड़ाव बढ़ रहा है। HKMA ने इस विषय पर एक पेपर में कहा, "हमारे पेमेंट सिस्टम्स की सुरक्षा, मजबूती और कुशलता पर असर डाल सकने वाले मुद्दों पर हम ध्यान देते हैं और यूजर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।" HKMA ने इस बारे में पब्लिक और स्टेकहोल्डर्स से 31 मार्च तक फीडबैक मांगा है। इसमें पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए जा सकने वाले स्टेबलकॉइन्स के विस्तृत प्रभावों पर जोर दिया गया है। इसके अलावा क्रिप्टो एसेट्स से जुड़े इनवेस्टर्स की सुरक्षा के पहलु भी इसमें शामिल हैं।

HKMA ने क्रिप्टो एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए पांच संभावित विकल्प दिए हैं। इनमें कोई कार्रवाई न करने से लेकर पूरी तरह बैन लगाना शामिल है। पेपर में कहा गया है कि रेगुलेटेड इंस्टीट्यूशंस को क्रिप्टो एसेट सर्विसेज के प्रोवाइडर्स के साथ जुड़ने से पहले विभिन्न प्रकार के रिस्क का आकलन और रिस्क को कम करने के उपाय करने होंगे। 

कई देशों में सरकारें इससे चिंतित हैं कि क्रिप्टो एसेट्स का इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधियों के लिए किया जा सकता है या इससे कम जानकारी रखने वाले यूजर्स को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके पीछे क्रिप्टो एसेट्स की जटिलता और इनमें वोलैटिलिटी अधिक होने जैसे कारण हैं। कुछ देशों में क्रिप्टोकरंसीज को लेकर कानून बनाने की तैयारी भी की जा रही है। भारत में भी केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरंसीज से जुड़ा कानून लाने की योजना बनाई है। भारत में स्वदेशी जागरण मंच जैसे कुछ संगठन क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर रहे हैं।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Bitcoin, Hongkong, Regulation, Etherium, Government, System, Users
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत का 2028 में चंद्रयान-4 लॉन्च करने का टारगेट
  2. Samsung के ट्रिपल-फोल्ड स्मार्टफोन की अमेरिका में शुरू हुई टेस्टिंग, जल्द हो सकता है लॉन्च
  3. Nothing Phone 3a Lite जल्द होगा भारत में लॉन्च, 5,000mAh की बैटरी
  4. UBON ने लॉन्च किया 20W पार्टी स्पीकर, जो फुल चार्ज में चलेगा 20 घंटे! कीमत Rs 1,499
  5. Oppo Reno 15 और Reno 15 Pro फोन 200MP कैमरा और बड़ी बैटरी के साथ हुए लॉन्च, जानें कीमत
  6. क्या है Elon Musk का X Chat, जिसे बोला जा रहा है WhatsApp और Arattai किलर? यहां जानें सब कुछ
  7. भारत के स्मार्टफोन मार्केट में Vivo का दबदबा बरकरार, Oppo को मिला दूसरा रैंक 
  8. Vivo S50 Pro Mini में मिल सकता है Snapdragon 8 Gen 5 चिपसेट
  9. Rs 15 में 220 Km का सफर! Komaki ने भारत में लॉन्च की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल MX16, जानें कीमत
  10. रोबोट बनाएंगे खाना और मैनेज करेंगे रेस्टोरेंट, जानें क्या है पूरा प्लान
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »