भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों को सेव रखना होगा पांच वर्ष तक डेटा

Tracxn के डेटा में बताया गया है कि पिछले वर्ष देश में लगभग 400 क्रिप्टो स्टार्टअप्स और 12 NFT से जुड़ी फर्में थी

भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों को सेव रखना होगा पांच वर्ष तक डेटा

देश में क्रिप्टो सेगमेंट हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है

ख़ास बातें
  • इस रूल को कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम की ओर से लाया गया है
  • इस रूल का VPN सर्विसेज से जुड़ी फर्मों को भी पालन करना होगा
  • क्रिप्टो इंडस्ट्री ने इस रूल से होने वाले बदलावों को लेकर आशंका जताई है
विज्ञापन
भारत में क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए पांच वर्ष तक डेटा को रखना अनिवार्य किया गया है। सभी वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स को देश के यूजर्स के लिए  KYC फॉर्म से मिलने वाली जानकारी को सेव रखना होगा। यह रूल वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सर्विसेज देने वाली फर्मों पर भी लागू होगा। इस रूल को कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) की ओर से लाया गया है। इसने संबंधित फर्मों को सिक्योरिटी नेटवर्क को किसी खतरे या हैकिंग का पता चलने के छह घंटे के अंदर उसकी रिपोर्ट देने को भी कहा है। 

CERT-In की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में कहा गया है, "CERT-In ने इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी के प्रोसेस और सायबर घटनाओं की रिपोर्टिंग से जुड़े निर्देश दिए हैं।" देश में क्रिप्टो सेगमेंट हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है। Tracxn के डेटा में बताया गया है कि पिछले वर्ष देश में लगभग 400 क्रिप्टो स्टार्टअप्स और 12 नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) से जुड़ी फर्में थी। 

हालांकि, क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने इस रूल के कारण होने वाले बदलावों को लेकर आशंका जताई है। EasyFi Network के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर Anshul Dhir ने कहा, "मुझे लगता है कि केंद्र सरकार की ओर से यह निर्देश हैरान करने वाला है क्योंकि इसमें डेटा को पांच वर्ष की लंबी अवधि के लिए सेव करना अनिवार्य किया गया है। मेरा मानना है कि अगर क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को नए रूल्स का पालन करने के लिए अपने बिजनेस मॉडल को पूरी तरह बदलना होगा।" EasyFi डिजिटल एसेट्स के लिए लेयर 2 DeFi प्रोटोकॉल है जो Polygon ब्लॉकचेन पर चलता है।

CERT-In की ओर से क्रिप्टो फर्मों को सेव करने के लिए दिए गए डेटा की लिस्ट में टाइमस्टैम्प और टाइमजोन के साथ IP एड्रेस, ट्रांजैक्शन ID, पब्लिक कीज और वॉलेट एड्रेस शामिल हैं। इसके अलावा ट्रांजैक्शन के प्रकार और तिथि के साथ ही ट्रांसफर की गई रकम का विवरण भी रखना होगा। पिछले महीने की शुरुआत में क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस के लिए टैक्स लागू हुआ था। इसका क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों ने विरोध किया था। इस टैक्स के लागू होने के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों के बिजनेस में कमी आने की भी रिपोर्ट है। अमेरिका जैसे बहुत से देशों में क्रिप्टो सेगमेंट को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि उसकी योजना इस सेगमेंट को रेगुलेट करने की है और वह इस पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहती। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Data, Government, Blockchain, America, RULE
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने वाले सावाधान! भारत में 26 फर्जी क्रिप्टो वेबसाइट्स का भंडाफोड़
  2. 70 घंटे तक के बैटरी बैकअप और ANC जैसे फीचर्स के साथ लॉन्च हुए 6 HMD TWS ईयरफोन्स, कीमत 2 हजार से शूरू!
  3. इस AI फील्ड में भारत का दमखम, इंडेक्स में बड़े मार्जिन से टॉप पर!
  4. आपका WhatsApp डेटा खतरे में? 56 हजार डाउनलोड्स के बाद खुला राज, एक्सपर्ट ने दी सलाह
  5. चीनी कंपनी ने लॉन्च किया अनोखा टैबलेट, एंड्रॉयड और विंडोज दोनों पर करेगा काम
  6. EPFO पोर्टल और Umang ऐप पर EPF पासबुक कैसे देखें
  7. ANC सपोर्ट और 40 घंटे की बैटरी वाले नेकबैंड Lava Probuds Wave 931 हुए लॉन्च, जानें फीचर्स
  8. Meta AI सर्वर में सेव रखता है आपकी WhatsApp चैट! इस तरह डिलीट करें अपना पर्सनल डेटा
  9. OnePlus का नया स्मार्टफोन जल्द देगा दस्तक! मिलेगा स्नैपड्रैगन 8 जेनरेशन 4 प्रोसेसर
  10. OnePlus 15R vs Vivo X200 FE vs Samsung Galaxy S24+ 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »