क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में बीते सप्ताह थोड़ी गिरावट आई है। डॉजकॉइन, बिटकॉइन और ईथर जैसे कॉइन्स की कीमत नीचे आ गई है। पिछले दिनों एक घोषणा सामने आई कि वॉलमार्ट लाइटकॉइन को स्वीकार करेगा, जो कि फर्जी खबर साबित हुई। इसने निवेशकों में भ्रम पैदा किया और डिजिटल कॉइन्स की कीमतों में गिरावट आ गई। खबर लिखने के समय बिटकॉइन की कीमत 45000 डॉलर (लगभग 33 लाख 18 हजार रु) से ऊपर थी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2021 के आने वाले महीनों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में काफी इजाफा हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो साल की शुरुआत की तरह क्रिप्टो बाजार की चमक एक बार फिर लौट सकती है।
सोमवार को
भारत में बिटकॉइन की कीमत 3.35 फीसदी लुढ़क गई। यह क्रिप्टोकरेंसी 36,44,325 रुपये पर ट्रेड कर रही है। इससे पहले यह 37,70,785 रुपये पर बंद हुई थी। Gadgets 360 Bitcoin Price History ट्रैकर के अनुसार पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन 1 लाख रुपये से अधिक तक नीचे हो गया है।
Ethereum, जिसकी कीमत फिलहाल 2,56,011 रुपये पर है, भी 4.82 प्रतिशत से नीचे आ गया है। यह क्रिप्टोकरेंसी 2,68,975 रुपये पर बंद हुई थी और इसमें लगभग 12,000 रुपये की गिरावट आ गई है। वहीं पिछले सप्ताह Dogecoin 20 रुपये पर ट्रेड कर रहा था जो 5.76 प्रतिशत गिरने के बाद अब 17.86 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।
अगर बात करें दूसरी क्रिप्टोकरेंसी जैसे Tether और USD Coin तो इन दोनों में ही 1 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है और प्रत्येक 79.89 रुपये पर बना हुआ है।
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजेक्शन और ट्रेड में दुनियाभर में इजाफा देखा जा रहा है। भले ही दुनिया के कई हिस्सों में इसे सपोर्ट नहीं मिल रहा हो। पिछले सप्ताह यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रेजिडेंट Christine Lagarde ने कहा कि वो क्रिप्टोकरेंसी को रियल नहीं मानते हैं। वहीं दूसरी तरफ स्टेटिसटिक्स प्लैटफॉर्म CompareCamp ने हाल ही में रिपोर्ट में कहा है कि प्रतिदिन 350,000 से अधिक बिटकॉइन ट्रांजेक्शन होते हैं, जिसमें औसतन हर घंटे 14,904 या प्रति सेकंड चार ट्रांजेक्शन होते हैं।