साउथ कोरिया के क्रप्टोकरेंसी एक्सचेंज Coinone ने अपने नियमों में बदलाव किया है। नए नियम लागू होने के बाद अब क्रिप्टो होल्डर्स बिना वेरिफाई किए गए एक्सटर्नल वॉलेट्स से क्रिप्टो टोकन्स का विड्रॉल नहीं कर सकेंगे। एक्सचेंज बिना वेरिफिकेशन वाले वॉल्ट्स से विड्रॉल की सुविधा को बंद करने जा रहा है। यह बदलाव साउथ कोरिया के कानून को ध्यान में रखकर किया गया है। कानून के मुताबिक, लोकल क्रिप्टो एक्सचेंज में यूजर्स का रियल नेम अकाउंट होना चाहिए और अन्य वेरिफिकेशन भी पूरे होनी चाहिए। अथॉरिटीज ने क्रिप्टो एसेट्स के गैरकानूनी इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है।
एक ऑफिशअल अनाउंसमेंट में Coinone ने यूजर्स को
जानकारी दी कि 30 दिसंबर से 23 जनवरी के बीच उन्हें अपने एक्सटर्नल वॉलेट्स को एक्सचेंज में रजिस्टर करवाना होगा। इसके बाद गैर रजिस्टर्ड वॉलेट्स से टोकन नहीं निकाले जा सकेंगे।
कॉइनवन ने यूजर्स के नाम और रेजिडेंट रजिस्ट्रेशन को वेरिफाई करने की योजना बनाई है। कंपनी इस नियम को लागू करने के साथ यह सुनिश्चित करना चाहती है कि क्रिप्टो ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गैरकानूनी गतिविधि के लिए न हो सके।
साउथ कोरिया में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेजों के लिए कानून लागू होने के छह महीने बाद यह कदम उठाया जा रहा है। कानूनी के तहत, यूजर्स को एक्सचेंज में अपने असली नाम के साथ इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी मैनेजमेंट सिस्टम (ISMS) में रजिस्टर करना होगा। इसके लिए यूजर्स को उनके मोबाइल नम्बर और उसके बाद मिलने वाले वन टाइम पिन कोड को रजिस्टर करने की जरूरत होगी। Coinone के अलावा Bithumb जैसे अन्य एक्सचेंजों ने भी KYC पॉलिसी को लेकर नियमों को सख्त किया है।
साउथ कोरिया के 60 क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने कस्टमर्स को KYC नियमों की घोषणा के साथ ट्रेडिंग सर्विसेज को आंशिक तौर पर या पूरी तरह से सस्पेंड करने का नोटिफिकेशन दिया है।
समाचार पत्र हानक्यूंग के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी सेगमेंट में 2018 के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी तेजी है जिसमें लगभग 20 लाख नागरिक इस सेगमेंट में जुड़े हैं। जनवरी में साउथ कोरिया के क्रिप्टोकरेंसी यूजर्स के लिए टैक्स नियम भी लागू किया जाएगा।