मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस आगे बढ़ रहा है। अमेरिका में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का डेटा आने के बाद मार्केट में वोलैटिलिटी कम हुई है। इसके बाद से बिटकॉइन के प्राइस में तेजी में मंदड़िए रुकावट डाल रहे हैं। पिछले एक दिन में बिटकॉइन का प्राइस लगभग 1.05 प्रतिशत गिरा है और यह इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 19,300 डॉलर पर था।
CoinDCX जैसे भारतीय एक्सचेंजों पर यह 0.54 प्रतिशत गिरकर 20,217 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। CoinGecko के डेटा से पता चलता है कि
बिटकॉइन की वैल्यू पिछले मंगलवार की तुलना में 0.8 प्रतिशत कम है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether के प्राइस में भी पिछले एक दिन में गिरावट आई है। इसका प्राइस लगभग 1,300 डॉलर पर था। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर इसमें लगभग 1.05 प्रतिशत की गिरावट रही। भारतीय एक्सचेंजों पर यह 0.26 प्रतिशत गिरकर लगभग 1,371 डॉलर पर था। पिछले महीने इथेरियम ब्लॉकचेन के अपग्रेड के बाद से Ether को फायदा मिल रहा है। इस अपग्रेड से ट्रांजैक्शंस में तेजी आने और एनर्जी की खपत बहुत कम होने की संभावना है। इसमें Ethereum के डिवेलपर्स ने इसके माइनिंग प्रोटोकॉल की प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) सिस्टम से प्रूफ-ऑफ-स्टेक (PoS) पर दोबारा कोडिंग की है। इस ब्लॉकचेन पर 100 अरब डॉलर से अधिक के डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) ऐप्स को सपोर्ट मिलता है और इस वजह से अपग्रेड को लेकर सतर्कता बरती गई है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है।
Gadgets 360 के क्रिप्टोकरेंसी प्राइस ट्रैकर से पता चलता है कि ज्यादातर ऑल्टकॉइन्स का प्राइस गिरा है।
क्रिप्टो के ग्लोबल मार्के कैपिटलाइजेशन में भी पिछले एक दिन में लगभग 1.5 प्रतिशत की कमी हुई है। Avalanche, Cardano, Solana, Chainlink, Monero और BNB में मामूली गिरावट रही। Polygon और TRON के प्राइस में बढ़ोतरी हुई है। मीम कॉइन्स Dogecoin और Shiba Inu में कमी हुई है।
पिछले वर्ष नवंबर में बिटकॉइन ने 67,000 डॉलर से अधिक का हाई बनाया था। इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है। इसका प्राइस गिरने से इनवेस्टर्स के साथ ही इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर इनवेस्टर्स को चेतावनी दी है। इससे भी मार्केट पर प्रेशर बढ़ा है। कुछ क्रिप्टो फर्मों के डिफॉल्ट करने से इस मार्केट को लेकर आशंकाएं भी बढ़ी हैं।