पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज की लोकप्रियता बढ़ी है। हालांकि, कुछ बड़े इनवेस्टर्स इस सेगमेंट से दूरी रखना चाहते हैं। इनमें अमेरिकी इनवेस्टर Jim Rogers भी शामिल हैं। उनका कहना है कि वह क्रिप्टोकरेंसीज को किसी भी प्राइस पर नहीं खरीदेंगे। हालांकि, इसके बावजूद उन्होंने इसमें इनवेस्टमेंट के लिए कुछ गुंजाइश रखी है।
हाल ही में एक इंटरव्यू में Rogers ने
कहा कि वह Bitcoin को तभी खरीदेंगे जब यूरोपियन यूनियन से इसे करेंसी के तौर पर स्वीकृति मिलती है। वह चाहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकारों की ओर से गारंटी दी जाए। उनका कहना है कि सट्टेबाजी के लिए बिटकॉइन ठीक है लेकिन एक करेंसी के तौर पर यह नाकाम हो जाएगा। Rogers ने कहा कि सरकारें करेंसी पर अपना एकाधिकार नहीं गंवाएंगी। ऐसी टिप्पणियों से Rogers ने बिलिनेयर Ray Dalio की राय से सहमति जताई है। लगभग दो महीने पहले Rogers ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बिटकॉइन के लगभग एक दशक पहले कुछ डॉलर के प्राइस पर छोड़ने की उन्होंने गलती की थी।
इससे कुछ लोगों को Rogers की क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सोच बदलने का संकेत मिला था। हालांकि, Rogers ने इसके बाद दिए एक अन्य इंटरव्यू में यह स्पष्ट कर दिया कि बिटकॉइन को लेकर उनकी आशंका बरकरार है। उनका कहना है कि बिटकॉइन केवल सट्टेबाजी का एक जरिया है और यह वास्तविक करेंसी नहीं है।
उन्होंने लगभग दो वर्ष पहले यह पूर्वानुमान दिया था कि मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से इस सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस शून्य हो जाएगा क्योंकि दुनिया भर में सरकारें इसे आगे बढ़ने की अनुमति नहीं देंगी। Rogers अकेले ऐसे बड़े इनवेस्टर नहीं हैं जो बिटकॉइन और अन्य
क्रिप्टोकरेंसीज से दूरी रखते हैं। इस वर्ष की शुरुआत में इनवेस्टमेंट फर्म Berkshire Hathaway के CEO Warren Buffett ने कहा था कि वह बिटकॉइन का प्राइस 25 डॉलर तक पहुंचने पर भी इसे नहीं खरीदेंगे। पिछले वर्ष बिटकॉइन ने लगभग 69,000 डॉलर के साथ हाई लेवल बनाया था। इसके बाद से इसमें गिरावट आ रही है और इसका प्राइस लगभग 24,000 डॉलर पर है। क्रिप्टो मार्केट में गिरावट के बड़े कारणों में स्लोडाउन और अमेरिका के फेडरल रिजर्व सहित बहुत से देशों के सेंट्रल बैंक की ओर से इंटरेस्ट रेट में की गई बढ़ोतरी शामिल हैं। क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट से इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को काफी नुकसान हुआ है।