हाल ही में केंद्र सरकार ने UPI के जरिए डिजिटल तरीके से पेमेंट्स को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था। इसके साथ ही सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि UPI से 2,000 रुपये से अधिक की ट्रांजैक्शंस पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लगाने के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं किया जा रहा है। देश में UPI के जरिए प्रति माह 18 अरब से अधिक ट्रांजैक्शंस हो रही हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंथली आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई बेस्ड डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी के बीच डेबिट कार्ड बेस्ड ट्रांजैक्शन में गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों के अनुसार, डेबिट कार्ड से होने वाला लेनदेन इस साल अगस्त में लगभग 43,350 करोड़ रुपये से घटकर सितंबर में लगभग 39,920 करोड़ रुपये रह गया। दूसरी ओर, देश में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन बढ़ा है।
सर्वे में लगभग 10 प्रतिशत लोगों ने ATM कार्ड से जुड़ा फ्रॉड होने, 10 प्रतिशत ने बैंक एकाउंट से जुड़ा फ्रॉड होने और 16 प्रतिशत ने अन्य प्रकार की धोखाधड़ी की जानकारी दी है
पीड़ित के क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स देने पर उनके पास लगभग 1.22 लाख रुपये के भुगतान के लिए मोबाइल फोन पर OTP भेजा गया। पीड़ित ने रकम पर ध्यान दिए बिना OTP को एंटर कर दिया और उनके एकाउंट से रकम डेबिट हो गई
टोकनाइजेशन एक प्रोसेस है जिससे कार्ड की डिटेल्स की जगह एक एल्गोरिद्म से जेनरेट हुआ यूनीक कोड या टोकन लेता है। इससे कार्ड की डिटेल्स दिए बिना ऑनलाइन खरीदारी की जा सकती है
टोकनाइजेशन ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कार्ड डिटेल एक यूनीक कोड या टोकन में बदल जाती है। यह सब एक एल्गोरिदम से होता है। इससे ऑनलाइन खरीदारी करते समय कार्ड डिटेल सुरक्षित रहती है।
कंपनी का कहना है कि जिन यूजर ने मध्य नवंबर से 11 जनवरी 2018 के बीच अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है, उनके डेटा चोरी होने का खतरा है। कंपनी के मुताबिक, अगर आपने पहले से सेव डीटेल के साथ क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया या 'क्रेडिट कार्ड वाया पेपाल' या 'पेपाल' का विकल्प चुना था, तो आप इससे प्रभावित नहीं हुए होंगे।