500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद डिजिटल भुगतान के इस्तेमाल में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है। इन तरीकों में मोबाइल बैंकिंग, इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट शामिल हैं। बड़ी संख्या में लोग पहली बार अपने मोबाइल डिवाइस को इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। और ऐसा सिर्फ पहली बार के लिए नहीं बल्कि अपने लेनदेन को हमेशा के लिए डिजिटाइज करने की शुरुआत कहा जा सकता है।
लेकिन एक बार ऐप डाउनलोड करने के बाद, आप कैसे सुनिश्चित करेंगे कि यह सुरक्षित है? अधिकतर बैंकिंग ऐप सुरक्षित हैं और इनक्रिप्शन की बढ़िया और मजबूत तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। आप अपने फाइनेंशियल ऐप को हैकिंग से बचाने और ज्यादा सुरक्षित करने के लिए कई और तरीके भी अपना सकते हैं। जानें वो छह तरीके जिनसे आप अपने मोबाइल बैंकिंग और वॉलेट ऐप को सुरक्षित कर सकते हैं।
1) अपने फोन में लॉक स्क्रीन कोड रखेंना केवल अपने डिजिटल वॉलेट बल्कि फोन में मौज़ूद सारे डेटा के लिए अपने फोन में लॉक स्क्रीन कोड सेट करने की जरूरत सबसे पहले है। ऐसा करने से, अगर आपका स्मार्टफोन चोरी भी हो जाता है तो चोर के लिए भी आपके मोबाइल बैंकिंग और वॉलेट ऐप सहित डेटा को एक्सेस करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। अब किफ़ायती हैंडसेट भी फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ आते हैं, इसलिए लॉक स्क्रीन कोड होने से सुरक्षा और मजबूत हो जाएगी। फिंगरप्रिंट सेंसर के बिना आने वाले फोन में सुनिश्चित करें कि आप डिवाइस और डेटा को सुरक्षित रखने के लिए पासकोड या पैटर्न लॉक का इस्तेमाल करें। अगर आप पासकोड का इस्तेमाल करते हैं तो ध्यान रखें कि आप इसे किसी और के साथ साझा ना करें और ना ही कहीं और इस्तेमाल करें।
2) ऐप लॉकर का इस्तेमाल करेंगूगल प्ले में कई सारे ऐसे ऐप उपलब्ध हैं जिनसे दूसरे ऐप के लिए पासकोड सेट किया जा सकता है। इसका मतलब है कि किसी लॉक ऐप को एक्सेस करने के लिए आपको एक पासवर्ड टाइप करना होगा। अब सवाल कि ऐसा करने की जरूरत क्या है? बताते हैं, मान लीजिए कि कॉल करने या किसी दूसरे काम के लिए आपको अपना फोन किसी दूसरे व्यक्ति को देने की जरूरत पड़ती है। तब आपको अपना फोन अनलॉक करके देना होगा, भले ही वह व्यक्ति कितना ही भरोसेमंद क्यों ना हो। लेकिन फिर भी, क्या आप पैसे से जु़ड़े लेनदेन और मोबाइल वॉलेट को एक्सेस करने के मामले में अपने सभी दोस्तों पर भरोसा करते हैं?
एक ऐप लॉकर होने से आप किसी को भी अपना स्मार्टफोन दे सकते हैं। यानी आपको अपनी जरूरी जानकारी के चोरी होने की चिंता नहीं होगी। क्योंकि आपने बैंकिंग ऐप से लेकर मेल जैसे ऐप भी लॉक किए हुए हैं। कुछ लोकप्रिय ऐप लॉकर ऐप जैसे
सीएम लॉकर और
ऐप लॉक हैं। इन दोनों को ही गूगल प्ल पर अच्छे रिव्यू मिले हैं।
इसके अलावा, अगर आप थर्ड पार्टी ऐप का इस्तेमाल नहीं करना चाहते तो अपने फोन की सेटिंग में जाकर
गेस्ट मोड ऑन कर दें। किसी और को फोन देने पर यह विकल्प इनेबल किया जा सकता है।
3) अपनी नोटिफिकेशन को ट्रैक करेंजब भी आपके अकाउंट से कोई ट्रांज़ेक्शन किया जाता है बैंक आपको एसएमएस और ईमेल के जरिए अलर्ट भेजता है। इन नोटिफिकेशन को ट्रैक करना इसलिए जरूरी है ताकि अगर कोई और आपके खातों को डिजिटली या किसी और तरह से एक्सेस करे तो आपको पत चल जाए। मनी व्यू और वॉलनट जैसे ऐप बैंक के एसएमएस अलर्ट को एक्सेस कर आपके अकाउंट से किए जाने वाले ट्रांज़ेक्शन का रिकॉर्ड रख सकते हैं।
अगर आपने स्पैम नज़रअंदाज करने के इरादे से अपने नेटबैंकिंग अकाउंट के लिए कोई सेकेंडरी ईमेल आईडी रजिस्टर करा रखी है। तो इसे अपने मुख्य ईमेल में नोटिफिकेशन फॉरवर्ड करने के लिए सेटअप करें। नहीं तो गलत इस्तेमाल के अलर्ट वाला कोई नोटिफिकेशन जिसे देखने में देरी हुई तो नुकसान हो सकता है।
4) जेलब्रेक/ रूट किए हुए फोन और अनजान सोर्स वाले ऐप का इस्तेमाल ना करेंमोबाइल बैंकिगं ऐप और मोबाइल वॉलेट के लिए किसी जेलब्रेक किए आईफोन या रूट किए हुए एंड्रॉयड स्मार्टफोन का इस्तेमाल ना करें। जब आप किसी स्मार्टफोन को जेलब्रेक या रूट करते हैं तो गूगल और ऐप्पल द्वारा फोन को मालवेयर और हैकर से बचाने के लिए कोर ओएस में दी गई सिक्योरिटी खत्म हो जाती है। इससे डिवाइस से वित्तीय डेटा को हैक करना आसान हो जाता है।
इसी तरह, अगर आप एंड्रॉयड पर किसी ऐसे ऐप को इंस्टॉल कर रहे हैं जिसके सोर्स का पता नहीं है और आपको इसकी विश्वसनीयता का भी पता नहीं है। ऐसे में गूगल प्ले स्टोर और
ऐप स्टोर सुरक्षित तरीका है।
5) थर्ड पार्टी कीबोर्ड को नज़रअंदाज करेंथर्ड पार्टी कीबोर्ड कई चीजों के लिए बेहद अच्छे हैं। लेकिन आपको नहीं पता होता कि इन कीबोर्ड द्वारा किस डेटा को स्टोर किया गया है। इन कीबोर्ड में आपके सभी इनपुट का एक्सेस रहता है। इसी कारण बैंकिंग ऐप औप मोबाइल ऐप के लिए थर्ड पार्टी कीबोर्ड थोड़े असुरक्षित तो रहते ही हैं। क्योंकि आपके पासवर्ड और कोड भी इन कीबोर्ड को दिखत हैं। स्विफ्टकी जैसी
कंपनियों का कहना है कि वे किसी तरह का निजी डेटा नहीं स्टोर करतीं लेकिन ये सवालों के घेरे में तो हैं ही। किसी भी तरह के खतरे से बचने के लिए संवेदनशील ऐप के इस्तेमाल के समय डिफॉल्ट कीबोर्ड का इस्तेमाल करें।
6) सार्वजनिक वाई-फाई पर मोबाइल वॉलेट और बैंकिंग ऐप का इस्तेमाल कभी ना करेंपब्लिक वाई-फाई आमतौर पर इनक्रिप्टेड नहीं होते हैं और इससे हैकिंग का खतरा बढ़ जाता है। सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने पर आपके द्वारा डिवाइस पर एक्सेस की जा रही जानकारी के साथ ही मोबाइल पेमेंट ऐप को भी हैक किया जा सकता है। सार्वजनिक वाई-फाई को नज़रअंदाज करें और खासकर तब जब आपके डिवाइस में कोई जरूरी निजी जानकारी या फाइनेंशियल ऐप हों।