IndiGo फ्लाइट डिले के बीच ये ट्रैवल ऐप्स यात्रा को आसान बनाते हैं। फ्लाइट ट्रैकिंग, गेट चेंज, कैब/ट्रेन बैकअप और डिजिटल डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट, नीचे है फुल गाइड
Photo Credit: Pexels/ Oscar Chan
पिछले दो दिनों से देशभर में IndiGo की कई फ्लाइट्स के डिले होने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। एयरपोर्ट पर घंटों लाइनें, बार-बार बदलते गेट्स, अचानक री-शेड्यूलिंग और इन्फॉर्मेशन की कमी यही वो चीजें हैं जो किसी भी ट्रैवलर की यात्रा को मुश्किल बना देती हैं। ऐसे हालात केवल अभी नहीं हमेशा हर तरह के एयरलाइन्स के साथ बने रहते हैं। फ्लाइट डिले या कैंसल होने के कई कारण होते हैं, जैसे हद से ज्यादा कोहरा या ऑपरेशंस से जुड़ी समस्याएं। ऐसे हालात में सही ऐप्स का साथ मिल जाए, तो फ्लाइट डिले की दिक्कत बहुत हद तक कम हो सकती है। आज ज्यादातर अपडेट पहले आपके फोन पर आते हैं, एयरलाइन स्टाफ तक पहुंचने से भी पहले। इसलिए इस समय कुछ ऐप्स ऐसे हैं जो आपको रियल-टाइम ट्रैकिंग से लेकर टर्मिनल अपडेट और बैकअप ट्रैवल ऑप्शंस तक सबकुछ संभालने में मदद कर सकते हैं।
वीकेंड में कई यात्रियों को शिकायत रहती है कि उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने के बाद ही पता चलता है कि फ्लाइट कुछ मिनट नहीं, बल्कि कई घंटे लेट है। Flightradar24 और FlightAware जैसी सर्विसेज लाइव लोकेशन, डिले प्रेडिक्शन और अनुमानित लैंडिंग टाइम तुरंत दिखा देती हैं। अगर प्लेन क्रू की उपलब्धता के कारण फंसा है, टैक्सींग में है या रनवे पर कतार में है - इन ऐप्स पर उन सबका साफ डेटा मिल जाता है, जिससे यात्री बेहतर प्लानिंग कर पाते हैं।
IndiGo, Air India सहित इंटरनेशनल एयरलाइन्स का ऑफिशियल ऐप हमारी नजर में यात्रा के समय सबसे काम का टूल बन सकता है। टिकट मैनेज करना, सीट बदलना, बैगेज की जानकारी या री-शेड्यूल नोटिफिकेशन - सबसे तेज अपडेट मोबाइल ऐप पर ही आता है। कई सिचुएशंस में एयरपोर्ट डिस्प्ले बोर्ड पर अपडेट आने से पहले ही फोन पर गेट चेंज का अलर्ट तेजी से पहुंच जाता है, जो डिले वाली स्थिति में काफी राहत देता है।
लंबी देरी की स्थिति में कई यात्रियों को मजबूरन अन्य फ्लाइट को देखना पड़ता है, जिनकी लास्ट मिनट टिकट्स बेहद महंगी भी होती है। ऐसे में Skyscanner एक अच्छा ऐप साबित हो सकता है, जो रियल-टाइम में सस्ते से सस्ते फ्लाइट टिकट्स ऑप्शंस निकालकर दे सकता है।
जब एयर ट्रैवल के चांस खत्म हो जाए और डेस्टिनेशन तक किसी भी हाल में पहुंचना जरूरी हो, तो आखिर में ट्रेन या बस का ऑप्शन देखना पड़ता है। IRCTC Rail Connect और RedBus जैसे ऐप्स रियल-टाइम सीट उपलब्धता दिखाते हैं और तुरंत बुकिंग की सुविधा देते हैं। रात में या ऑफ-पीक आवर्स में टैक्सी की कमी भी परेशानी बन सकती है, इसलिए Ola और Uber जैसे ऐप्स एयरपोर्ट से बाहर निकले बिना तुरंत कैब ऑप्शंस दिखा देते हैं। वहीं,
डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट एक और बड़ी समस्या होती है, खासकर जब जल्दीबाजी में बैग से ID निकालना पड़े। DigiLocker इस पूरे तनाव को खत्म कर देता है। कई बार तो ऐसा होता है कि लोग कई अहम सरकारी डॉक्यूमेंट्स घर से लाना ही भूल जाते हैं। इस ऐप में Aadhaar, ड्राइविंग लाइसेंस (DL), पैन कार्ड सहित कई अन्य डॉक्यूमेंट्स डिजिटल रूप में उपलब्ध रहते हैं और एयरपोर्ट सिक्योरिटी इन्हें आधिकारिक रूप से स्वीकार करती है।
Google Maps अब सिर्फ लोकेशन ऐप नहीं रहा। यह कई बड़े एयरपोर्ट्स के अंदर की भीड़, फुटफॉल और वॉकिंग टाइम भी दिखाता है। जिन यात्रियों की कनेक्टिंग फ्लाइट्स होती हैं, वे इससे अंदाजा लगा लेते हैं कि टर्मिनल बदलने में कितने मिनट लगेंगे। चाहे गेट A2 से A10 जाना हो या पूरे टर्मिनल का चक्कर लगाना हो, यह ऐप समय बचाने में मदद करता है।
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