कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विवटर, केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रही है। कांग्रेस सांसद ने पत्र लिखकर कहा है कि ट्विटर ने उनके फॉलोवर्स की ग्रोथ को कम कर दिया है। वहीं, ट्विटर ने इस मामले में आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि कंपनी हेर-फेर और स्पैम को लेकर जीरो टॉलरेंस रखती है। राहुल गांधी ने 27 दिसंबर को ट्विटर के CEO पराग अग्रवाल को पत्र लिखा था। इसमें कहा है, मेरा मानना है कि भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष स्पीच पर अंकुश लगाने में ट्विटर की अनजाने में भागीदारी है।
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल ने बताया है कि अगस्त 2021 के बाद से उनके फॉलोवर्स लगभग स्थिर हो गए हैं। इससे पहले हर महीने 2.3 लाख से अधिक दर से उनके फॉलोवर्स बढ़ रहे थे। कुछ महीनों में यह संख्या 6.5 लाख तक भी पहुंच गई थी। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट का डेटा विश्लेषण भी भेजा है। बताया है कि पिछले साल अगस्त के बाद उनके फॉलोवर्स की संख्या मुश्किल से बढ़ी है। फिलहाल यह 19.6 मिलियन है।
अपने फॉलोवर्स की संख्या में गिरावट को सिर्फ संयोग नहीं मानते हुए राहुल ने कहा कि उनके कई वीडियो भी ड्रॉप कर दिए गए। उनमें से एक वीडियो में राहुल गांधी ने किसानों से कहा था कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा। वह वीडियो वायरल भी हुआ था।
गौरतलब है कि ट्विटर ने 6 अगस्त से 14 अगस्त तक लगभग एक सप्ताह के लिए राहुल गांधी के अकाउंट को सस्पेंड भी किया था। इसकी वजह वह ट्वीट थी, जिसमें उन्होंने नई दिल्ली की एक बलात्कार पीड़िता के परिवार की तस्वीर कथित तौर पर ट्विटर पर शेयर कर दी थी।
राहुल गांधी के पत्र के जवाब में ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा है कि हम भी चाहते हैं कि फॉलोवर्स की संख्या अकाउंट के साथ दिखे, लेकिन हम यह भी मानते हैं कि फॉलोवर्स वास्तविक हों। हेर-फेर और स्पैम के लिए ट्विटर के पास कोई जगह नहीं है। मशीन लर्निंग टूल्स के जरिए हम हर हफ्ते बॉट फॉलोवर्स और स्पैम की छंटनी करते हैं। ट्विटर ने कहा है कि प्लेटफॉर्म में हेर-फेर और स्पैम पर हमारी पॉलिसीज का उल्लंघन करने के लिए हम हर हफ्ते लाखों अकाउंट्स को रिमूव करते हैं।