बुधवार को डिजिटल पेमेंट कंपनी ने ऐलान किया था कि क्रेडिट कार्ड के जरिए पेटीएम वॉलेट को रीचार्ज करने पर अब 2 प्रतिशत का डिपॉज़िट शुल्क लगेगा। पेटीएम के यूज़र को यह फैसला पसंद नहीं आया। और गुरुवार को
देर रात को 'यूज़र की सुविधा को ध्यान में रखते हुए' में कंपनी ने इस फैसले को वापस ले लिया।
बता दें कि 2 प्रतिशत शुल्क चार्ज करने से
पहले, नवंबर से पेटीएम ने यूज़र को वॉलेट से अपने बैंक अकाउंट में बिना किसी शुल्क के पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी। आमतौर पर वॉलेट से पैसे ट्रांसफर करने पर चार्ज लिया जाता है। लेकिन नोटबंदी के बाद पेटीएम के साथ अन्य वॉलेट ने भी ऐसी ही सुविधा दी थी। इसके अलावा इन वॉलेट में पैसे डालने पर भी कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली जाती थी। इसका मतलब है कि क्रेडिट कार्ड यूज़र अपने पेटीएम वॉलेट में कार्ड के ज़रिए पैसे डाल सकते हैं। इसके बाद उस पैसे को बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना संभव है। इस प्रक्रिया में वॉलेट और बैंक द्वारा कोई अतिरिक्त राशि नहीं ली जा रही है। पेटीएम ने बताया, "कुछ यूज़र इसके जरिए कार्ड में प्वाइंट जमा कर रहे थे जो मुफ्त कैश के जैसा है। दूसरी तरफ, बिना ब्याज के पैसे इस्तेमाल कर रहे थे।" इस पूरी प्रक्रिया के लिए पेटीएम की ओर से सब्सिडी दी जाती है।
कंपनी ने कहा कि कुछ यूज़र वॉलेट के ज़रिए कैश को इधर से उधर करके रीवार्ड प्वाइंट्स के ज़रिए मुफ्त में पैसे कमा रहे थे। पेटीएम ने अपने उन यूज़र से 2 फीसदी चार्ज लेने का फैसला किया है जो क्रेडिट कार्ड के ज़रिए वॉलेट में पैसे डालते हैं। पेटीएम ने कहा कि भरोसेमंद यूज़र को कंपनी 2 प्रतिशत चार्ज को कूपन के तौर पर लौटा देगी जिनका इस्तेमाल पेटीएम पर किया जा सकता है।
कंपनी ने फैसला वापस लेते हुए कहा, ''लाखों ग्राहकों और व्यापारियों के हितों को प्राथमिकता देते हुए, हमने 2 प्रतिशत चार्ज वापस लेने का फैसला किया है। और हम किसी तरह के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए कई फ़ीचर लाएंगे।''
हालांकि, अभी पेटीएम ने साफ नहीं किया है कि कंपनी गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए क्या करेगी।
बता दें कि पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 ने गैज़ेट्स 360 में निवेश किया है।