कुछ दिनों पहले तक आपको उबर ऐप में सफर करने से पहले रेट दिख जाते थे और साथ में 'सर्ज' प्राइसिंग का भी खुलासा हो जाता था। यानी आप राइड बुक करने से पहले जान जाते थे कि आपको उस सफर में आम किराये से कितना ज्यादा भुगतान करना होगा। लेकिन सर्ज प्राइसिंग के कारण इस ऐप की लोकप्रियता धीरे-धीरे कम होने लगी। कई राजनेताओं ने भी सर्ज प्राइसिंग का विरोध किया।
इसके बाद उबर ने सर्ज प्राइसिंग को रद्द करने का फैसला किया। बाद में ग्राहकों की सुविधा की खातिर अपफ्रंट फेयर फ़ीचर को पेश किया गया, ताकि ग्राहकों को यह पता रहे कि उन्हें सफर के लिए कितना भुगतान करना पड़ेगा। वैसे, डिमांड ज्यादा होने पर कीमतें अब भी बढ़ाई जाती हैं, लेकिन नए फॉर्मेट के कारण ग्राहकों को वास्तविक सर्ज प्राइसिंग के बारे ज्यादा स्पष्टता नहीं मिल पाती।
अगर आप किसी खास रूट पर नियमित तौर पर सफर करते हैं तो सर्ज़ प्राइसिंग आपसे छिप नहीं पाएगी। उदाहरण के तौर पर, अगर आप अक्सर 100 रुपये का भुगतान करते हैं और किसी दिन अनुमानित किराया 300 रुपये देखते हैं तो आप संभवतः कैब नहीं लेंगे। लेकिन अनजान रूट पर सफर करने की स्थिति में आप क्या करेंगे? आप जो अनुमानित किराया देख रहे हैं, कहीं उसमें सर्ज प्राइसिंग भी तो शामिल नहीं है? इसके बारे में आप कैसे जान पाएंगे? इन सब चीजों के बारे में जानने का तरीका बेहद ही आसान है।
1. गूगल मैप्स खोलें और अपने गंतव्य स्थान का नाम डालें।
2. अब टैक्सी के बारे में जानने के लिए दायीं तरफ किनारे में टैप करें।
आपको उबर और ओला के टैक्सी विकल्प दिखने लगेंगे। इनके साथ सर्ज प्राइसिंग की जानकारी भी उपलब्ध होगी। हमने इसकी टेस्टिंग हाल ही में की और पाया कि यह वाकई में काम करता है। जैसा कि आप नीचे वाले स्क्रीनशॉट में देख पाएंगे कि उबर ने राइड की कीमत 192 रुपये बताई। वहीं, गूगल मैप्स ने 1.5 गुना सर्ज प्राइसिंग का खुलासा किया और अनुमानित किराया 200-240 रुपये के आसपास था। गंतव्य तक पहुंचने के बाद हमने पाया कि उबर के बिल में 1.4 गुना सर्ज प्राइसिंग का ज़िक्र था। गूगल का अनुमान भी इसी के आसपास था।
यह तरीका 100 फीसदी सटीक नहीं है, लेकिन अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आप सफर के लिए उचित किराया दे रहे हैं या नहीं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित होगा।