खबर है कि फेसबुक अपने मैसेंजर ऐप में एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन लाने पर काम कर रहा है। दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट जल्द ही अपने यूजर को प्राइवेसी या सुधार के साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) जैसे विकल्प दे सकती है।
द गर्जियन, ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े तीन लोगों से बातचीत का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी है कि फेसबुक आने वाले कुथ महीनों में मैसेंजर ऐप में 'ऑप्ट-इन' इनक्रिप्शन कम्युनिकेशन मोड देने पर काम कर रहा है।
अगर ऐसा होता है, तो इस साल
अतिरिक्त प्राइवेसी फीचर एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन पाने वाले व्हाट्सऐप के बाद मैसेंजर फेसबुक का दूसरा प्रोडक्ट होगा। व्हाट्सैप के एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन से दो लोगों के बीच भेजे जाने वाले मैसेज को सिर्फ सेंडर और रिसीवर ही पढ़ सकते हैं। इसके अलावा और कोई नहीं, यहां तक कि व्हाट्सऐप भी उस मैसेज को डीकोड नहीं कर सकता।
इस
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि फेसबुक मैसेंजर में 'ऑप्ट-इन' विकल्प देगा क्योंकि यह अपडेटेड आर्टिफिशियल लर्निंग की जगह लेगा। आर्टिफिशियल लर्निंग के भी अगले कुछ महीनों में मैसेंजर में शामिल किए जाने की उम्मीद है। अप्रैल में हुई फेसबुक की डेवलेपर कॉन्फ्रेंस में कंपनी ने खुलासा किया था वह मैसेंजर में नए फीचर जोड़ना चाहती है जहां एक 'बॉट' किसी सोर्स से आने वाली खबर को पढ़ सकेगा।
रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए एक फेसबुक प्रवक्ता ने यह कहते हुए इन खबरों पर बयान करने से मना कर दिया कि, ''हम किसी भी अफवाह या अनुमान पर टिप्पणी नहीं करते। ''
उम्मीद की जा सकती है कि फेसबुक का एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन लागू करने का फैसला लोगों से
गूगल के एलो चैट ऐप के लिए मिलने वाली प्रतिक्रिया के बाद लिया गया है। एलो ऐप के लॉन्च के तुरंत बाद सिक्योरिटी एक्सपर्ट जिनमें एडवर्ड स्नोडेन ने भी कहा था कि एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन को डिफॉल्ट टर्न ऑन नहीं किया गया था। याद दिला दें, गूगल के नए एलो चैट ऐप में एक इनकॉग्निटो मोड है जिसमें एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन और नोटिफिकेशन शामिल है।
व्हाट्सऐप के एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन के बाद मैसेजिंग ऐप
वाइबर ने भी अप्रैल में एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन जारी कर दिया था।