आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) यानी कृत्रिम बुद्धि अब इन्सानी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। लगभग दो साल पहले AI ने दस्तक दी थी, तब से लेकर अब तक यह हमारे जिंदगी में कई तरीकों से शामिल हो चुका है। फिर चाहे वह सरकारी कामकाज हो, टेक कंपनियां हों, स्मार्टफोन इंडस्ट्री हो या मेडिकल क्षेत्र हो। AI को लेकर एक सबसे बड़ा डर जो इन्सानों के जहन में है वो यह है कि कहीं AI, टेक्नोलॉजी की दुनिया में इन्सानों की जरूरत को ही खत्म न कर दे। यानी जो काम अभी इन्सान कर रहे हैं, अगर वो सारा काम AI को सौंप दिया जाए तो करोड़ों लोगों के लिए रोजगार खत्म हो सकता है! अब इसी बात को लेकर एक और सर्वे सामने आया है जो एक चौंकाने वाला खुलासा करता है।
AI को लेकर शुरू से ही दो मत रहे हैं। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि AI लोगों की मदद करेगा, उनके काम को आसान बना देगा और जिंदगी पहले से ज्यादा सरल होगी। लेकिन इसके साथ-साथ इस बात से भी इनकार नहीं किया जा रहा है कि इससे नौकरियां भी प्रभावित होंगी। प्लूरलसाइट (
Pluralsight) की ओर से एक सर्वे किया गया है। सर्वे में US और UK के 1200 एग्जिक्यूटिव और आईटी प्रोफेशनल्स को शामिल किया गया। जिसमें 74 प्रतिशत केवल IT इंडस्ट्री से थे।
सर्वे के अनुसार, इन लोगों ने चिंता जाहिर की कि AI उनके वर्तमान स्किल्स को आसानी से पीछे छोड़ सकता है। यानी भविष्य में कंपनियां उनकी बजाए AI से काम लेना ज्यादा पसंद कर सकती हैं। भाग लेने वालों में 69 प्रतिशत ने माना कि AI उनको उनकी जगह से बिल्कुल हटा सकता है। लेकिन यहां पर एक उम्मीद भी प्रोफेशनल्स में दिखाई दी। 96 प्रतिशत का मानना है कि बदलते वक्त के अनुसार वे AI स्किल्स सीखने और निखारने को प्राथमिकता देकर इस रेस में आगे बने रह सकते हैं और AI को उनके करियर पर हावी होने से रोक सकते हैं।
सर्वे इसी निष्कर्ष पर आता है कि AI जाहिर तौर पर नौकरियां पैदा करने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाला टूल है, लेकिन इसके साथ ही यह कई तरह की नौकरियों को खत्म करने की क्षमता भी रखता है। कहा गया है कि 35% लोग अब AI में इनवेस्ट करना चाहते हैं ताकि कंपनियों में गैर जरूरी नौकरियों यानी रिक्तियों को खत्म किया जा सके। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि AI एक दो धारी तलवार है। इसके अपने फायदे हैं, तो नुकसान भी हैं। जल्द ही IT इंडस्ट्री में इसका व्यापक असर भी देखने को मिल सकता है।
आईटी प्रोफेशनल्स एक बात पर जरूर एकमत दिखाई देते हैं कि AI को इस्तेमाल करने के लिए कंपनी में उसी तरह का स्टाफ होना भी बहुत जरूरी है। अगर AI टूल्स को सही ढंग से इस्तेमाल करने वाला स्टाफ ही नहीं होगा तो इससे कोई फायदा नहीं लिया जा सकता है। लगभग 96 प्रतिशत आईटी प्रोफेशनल इस बात से सरोकार रखते हैं। इसलिए इससे पता चलता है कि आने वाले समय में ऐसे प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बढ़ेगी जो जेनरेटिव AI के मास्टर हों।