डेटिंग की दुनिया में आर्टिफिशियल इंडेलिजेंस (AI) की एंट्री हो चुकी है और शायद प्यार के खेल में इस नए खिलाड़ी से Gen Z को सचेत रहने की जरूरत है। हम AI-गर्लफ्रेंड इंडस्ट्री की बात कर रहे हैं, जो तेजी से बढ़ रही है और शायद वो दिन दूर नहीं, जब ये अरबों डॉलर पर पहुंच चुकी होगी। टेक एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह डेटिंग का भविष्य है, लेकिन साथ ही यह आने वाले समय में फिशिंग और हनी ट्रैपिंग का एक बड़ा मायाजाल भी बन सकता है। वर्तमान में मार्केट में कई ऐसे प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं, जो AI-जनरेटेड लड़कों और लड़कियों को डेटिंग के लिए लिस्ट करते हैं, जिनके साथ आप चैटिंग कर सकते हैं। ये आपसे इस तरह बात करते हैं कि शायद ही आप पता लगा सके कि यह असल में इंसान नहीं, मात्र एक कंप्यूटर एल्गोरिद्म है।
लेट चेकआउट होल्डिंग कंपनी के सीईओ, ग्रेग आइसेनबर्ग के जैसे कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि AI डेटिंग में अरबों डॉलर का उद्योग बनने की क्षमता है, जो Match Group जैसे ऑनलाइन डेटिंग दिग्गजों की सफलता को टक्कर दे सकता है। आपकी कैसी प्रतिक्रिया होगी यदि मैं आपको कहूं कि एक व्यक्ति AI-जनरेटेड गर्लफ्रेंड पर 10 हजार डॉलर (करीब 8.36 लाख रुपये) प्रति माह खर्च करता है? शायद यह आपको मजाक लगे और कुछ ऐसा ही आइसेनबर्ग को भी लगा था, लेकिन यह सच है कि AI-जनरेटेड गर्लफ्रेंड्स पर लोग लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं।
आइसेनबर्ग को मियामी में एक शख्स मिला, जो AI-गर्लफ्रेंड्स पर हर महीने 10 हजार डॉलर तक खर्च करता है। उस व्यक्ति का कहना है कि 'कुछ लोग वीडियो गेम्स खेलते हैं और मैं AI गर्लफ्रेंड्स के साथ खेलता हूं।' उस शख्स को AI-डेटिंग इसलिए पसंद है, क्योंकि वह 'अपनी एआई गर्लफ्रेंड को कस्टमाइज कर सकता है और उसकी पसंद, नापसंद आदि को बदल सकता है।'
वर्तमान में Romantic AI, Nomi.ai, Kupid.ai, Soulmate जैसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जो AI-जनरेटेड लड़कों या लड़कियों को लिस्ट करते हैं, जिनसे लोग चैट कर सकते हैं। यूं तो इन प्लेटफॉर्म पर साइन-अप करना फ्री होता है, लेकिन ये कुछ खास सर्विस के लिए यूजर्स से हजारों डॉलर चार्ज करते हैं। एक उदाहरण Caryn है, जो इन्फ्लुएंसर स्टेफनी इक्पा (Stephanie Ikpa) का AI क्लोन है, जो फैंस को 1 डॉलर प्रति मिनट के लिए अपने इस वर्चुअल वर्जन के साथ चैट करने का मौका देता है। दूसरा DreamGF है, जो मंथली मेंबरशिप फीस के बदले कस्टमाइजेबल पर्सनैलिटी से लैस AI गर्लफ्रेंड प्रदान करता है।
हालांकि, AI-गर्लफ्रेंड इंडस्ट्री आलोचकों से बची नहीं है। कुछ लोग का मानना है कि ये वर्चुअल रिलेशन व्यक्ति के अकेलेपन की भावनाओं फायदा उठाने और वास्तविक मानवीय संबंध को रिप्लेस करने की क्षमता रखते हैं। इतना ही नहीं, गहरे लगाव के बाद किसी व्यक्ति की अपेक्षाओं और भावनाओं के बारे में भी चिंता जताई जाती है, जो AI-पार्टनर द्वारा समझ पाना और संभालना मुश्किल है।
निश्चित तौर पर इससे फिशिंग (Phishing) या हनी ट्रैपिंग जैसी घटनाओं को भी अंजाम मिल सकता है। फिशिंग स्कैम AI-गर्लफ्रेंड सर्विस वेबसाइटों या ऐप्स की नकल करके लॉगिन क्रेडेंशियल या फाइनेंशियल डिटेल्स चुराने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं, हनी ट्रैपिंग में घोटालेबाजों द्वारा यूजर्स को व्यक्तिगत जानकारी देने या पैसे भेजने के लिए गुमराह किया जा सकता है।
पिछले कुछ वर्षों में अकेलेपन में बढ़ोतरी को देखते हुए युवाओं और व्यस्कों में AI-डेटिंग की ओर झुकाव बढ़ा है। 2023
Gallup सर्वे ने बताया था कि दुनिया भर में लगभग 4 में से 1 वयस्क ने कहा कि वे अकेलापन महसूस करते हैं। ये सर्वे 142 देशों में किया गया था। वहीं, द गार्जियन की
रिपोर्ट के अनुसार, सेक्स रोबोट इंडस्ट्री के बढ़ते कारोबार के लिए अकेलापन एक बड़ा कारण हो सकता है, जिसकी कीमत वर्तमान में लगभग 200 मिलियन डॉलर (करीब 1672.71 करोड़ रुपये) है।