कॉल ड्रॉप छिपाने की शिकायतों पर ट्राई सख्त, दूरसंचार ऑपरेटरों से तकनीक का ब्यौरा मांगा

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Bhasha, अपडेटेड: 7 जून 2016 17:47 IST
दूरसंचार नियामक ट्राई दूरसंचार ऑपरेटरों से रेडियो लिंक टाइमआउट प्रौद्योगिकी का ब्यौरा मांगेगा। इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कथित तौर पर कॉल ड्रॉप को छुपाने के लिये किया जा रहा है परिणामस्वरूप ग्राहकों को उंचा बिल चुकाना पड़ रहा है।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के चेयरमैन आर.एस. शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई भी जांच बिठाने से पहले हम दूरसंचार ऑपरेटरों से रेडियो लिंक टैक्नालॉजी (आरएलटी) का ब्यौरा मांगेंगे। यह ब्यौरा उन मानदंडों के दायरे में मांगा जायेगा जो कि यहां अपनाये जा रहे हैं और ऐसे मानदंड जो कि पिछले एक साल के दौरान अपनाये जाते रहे हैं।’’ ट्राई द्वारा दिल्ली में किये गये ताजा परीक्षण के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल नेटवर्क आधारित गुणवत्ता पूर्ण सेवाओं के सभी मानदंडों पर असफल साबित हुई।

दिल्ली की परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार एयरसेल और वोडाफोन दूसरी दूरसंचार कंपनियों के मुकाबले आरएलटी का अधिक इस्तेमाल कर रहीं हैं। आरएलटी यानी रेडियो लिंक टाइमआउट एक ऐसा मानदंड है जिसमें यह तय किया जाता है कि सिगनल गुणवत्ता के एक सीमा से ज्यादा कमजोर पड़ जाने के बावजूद कितने समय तक कॉल को बरकरार रखा जा सकता है।

एक आधिकारिक सूत्र के अनुसार कुछ दूरसंचार ऑपरेटर इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कॉलड्राप को छुपाने के लिये कर रहे हैं जिससे कि ग्राहकों को अधिक बिल का बोझ उठाना पड़ता है।

शर्मा ने कहा, ‘‘आज हैदराबाद और भोपाल की परीक्षण रिपोर्ट को जनता के समक्ष रखा जायेगा।’’ उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें कॉल ड्रॉप के लिये दूरसंचार कंपनियों को ग्राहकों को एक रपये प्रति कॉल और एक दिन में अधिकतम तीन रपये के हिसाब से मुआवजा देने का नियम रखा गया था।
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वर्तमान में दूरसंचार कंपनियों और ग्राहकों के बीच के विवाद को उपभोक्ता अदालतों में नहीं लिया जाता है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के 2009 के एक फैसले के तहत ग्राहकों को उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत इस तरह के राहत से अलग रखा गया है। शीर्ष अदालत ने कहा है कि इसके लिये भारतीय टेलिग्राफ कानून में विशेष प्रकार का समाधान दिया गया है।

राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012 में उपभोक्ता और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के बीच विवाद को उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत स्थापित उपभोक्ता मंचों के तहत लाने के लिये विधायी उपाय करने को कहा गया है। बहरहाल, कॉल ड्राप की समस्या से चिंतित ट्राई ने गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरने वाली दूरसंचार कंपनियों को दंडित करने के लिये उसे और अधिकार दिये जाने की मांग की है।
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दूरसंचार सचिव जे.एस. दीपक ने हालांकि, कहा है कि अधिक अधिकार दिये जाने के बारे में ट्राई से कोई संदेश उन्हें अभी तक नहीं मिला है।
 

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