टेलीकॉम कंपनियों को अपने नेटवर्क स्पैम कॉल्स और SMS को रोकने में नाकाम रहने पर भारी जुर्माना चुकाना पड़ा है। पिछले महीने टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को प्रमोशनल कॉल्स मैसेज के लिए कस्टमर्स से सहमति लेने के लिए एक यूनिफाइड डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने का निर्देश दिया था।
इस बारे में टेलीकॉम मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने राज्यसभा को एक लिखित
उत्तर में बताया कि टेलीकॉम कंपनियों ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर्स प्रेफरेंस रेगुलेशन (TCCCPR) का उल्लंघन करने की वजह से पिछले दो वर्षों में क्रमशः 15,382 और 32,032 कनेक्शंस काटे हैं।। TRAI ने रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स से बिना सहमति वाले कमर्शियल कम्युनिकेशन पर लगाम लगाने में नाकाम रहने के कारण टेलीकॉम कंपनियों पर 34.99 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
टेलीकॉम कंपनियों को जिस यूनिफाइड डिजिटल प्लेटफॉर्म को तैयार करने का निर्देश दिया गया है, उसमें पहले चरण में केवल सब्सक्राइबर्स प्रमोशनल कॉल्स और SMS प्राप्त करने के लिए अपनी सहमति देने की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे। इसके बाद फर्में प्रमोशनल मैसेज भेजने की सहमति के लिए कस्टमर्स से संपर्क कर सकेंगी। Reliance Jio और Bharti Airtel जैसी टेलीकॉम कंपनियों को सहमति लेने वाले मैसेज भेजने के लिए 127 से शुरू होने वाले शॉर्ट कोड का इस्तेमाल करने का निर्देश भी दिया गया है। स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या को रोकने के लिए TRAI ने टेलीकॉम कमर्शियल कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशंस जारी किए थे। इसके अलावा ब्लॉकचेन (डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी - DLT) पर बेस्ड एक इकोसिस्टम बनाया गया था।
इन रेगुलेशंस के तहत, सभी कमर्शियल प्रमोटर्स और टेलीमार्केट्स के लिए DLT प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराना और कस्टमर से दिन में उनकी पसंद के दिन और समय पर विभिन्न प्रकार के प्रमोशनल मैसेज प्राप्त करने की सहमति लेना जरूरी था। इस प्लेटफॉर्म पर लगभग 2.5 लाख एंटिटीज ने रजिस्ट्रेशन कराया है। पिछले वर्ष TRAI ने बताया था कि इससे रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स के लिए कस्टमर्स की शिकायतों में 60 प्रतिशत तक कमी हुई है। हालांकि, नॉन-रजिस्टर्ड
टेलीमार्केटर्स की ओर से स्पैम कॉल्स और मैसेज की समस्या बनी हुई है। फाइनेंशियल फ्रॉड में टेलीकॉम रिसोर्सेज के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए भी एक ज्वाइंट एक्शन प्लान बनाया जा रहा है। इसके लिए TRAI के अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड और मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स की एक ज्वाइंट कमेटी ऑफ रेगुलेटर्स बनाई गई है।