भले ही भारत में 10 करोड़ से ज़्यादा लोग रिलायंस जियो की किफायती सेवाओं का लुत्फ उठा रहे हैं, लेकिन इसका असर गूगल और रेलटेल की रेलवायर प्रोग्राम पर नहीं पड़ा है। रेलवायर की लोकप्रियता बिल्कुल कम नहीं हुई है और अब भी इससे नए लोग हर दिन जुड़ रहे हैं।
रेलवायर प्रोजेक्ट के लिए गूगल की इंटरनेट सर्विस प्रदाता कंपनी रेलटेल के एक प्रवक्ता ने गैजेट्स 360 को कहा कि पिछले साल रिलायंस जियो को लॉन्च किए जाने के बाद से ग्राहकों द्वारा डेटा इस्तेमाल और नए यूज़र जुड़ने की दर में वृद्धि ही देखने को मिली है।
याद रहे कि पिछले साल सितंबर महीने में टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो ने अपनी 4जी सेवा की शुरुआत करके टेलीकॉम सेक्टर में मानो भूचाल सा ला दिया। शुरुआती दिनों में मुफ्त सेवा के कारण Reliance Jio से ज्यादा से ज़्यादा लोग जुड़े। इस वजह से प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को भी ग्राहकों के लिए किफायती ऑफर निकालने पड़े।
नेटवर्क पर डेटा खपत की बात करें तो Reliance Jio आज की तारीख में भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन चुकी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने कहा था कि जियो की वजह से भारत ने मोबाइल ब्रॉडबैंड क्षेत्र में अकल्पनीय छलांग लगाई है।
जियो के आने की वजह से एयरटेल और वोडाफोन पर डेटा व वॉयस प्लान को ग्राहकों के लिए और लुभावना बनाने का दबाव रहा है। इसके बाद यह भी सवाल उठने लगे कि क्या मुफ्त या सस्ता डेटा देने वाली गूगल और फेसबुक जैसी कंपनियां भी जियो से मुकाबला करने के लिए कुछ ऐसे ही कदम उठाएंगी।
गैजेट्स 360 से बात करते हुए गूगल इंडिया के अधिकारी गुलज़ार आज़ाद ने से कहा कि रिलायंस जियो की व्यवसायिक उपलब्धता से हमें बहुत कुछ सीखने का मिला। लेकिन उन्होंने उन दावों को खारिज कर दिया जिसमें रेलवायर की योजना को झटका लगने की बात कही गई है।
आज़ाद ने कहा, "भारत में 2016 की आखिरी तिमाही से 4जी का प्रभावी विस्तार देखने को मिला है। उस वक्त पर रेलवायर प्रोजेक्ट पर करीब 50 लाख मासिक एक्टिव यूज़र थे। उसके बाद से हमने 30- 40 और स्टेशनों पर मुफ्त वाई-फाई सेवा की शुरुआत की है। लेकिन यूज़र की संख्या में कोई गिरावट नहीं देखने को मिली है।"
उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि हमारे यूज़र ने पहले की तुलना में डेटा की खपत कर दी है। पिछले साल जुलाई में औसत डेटा खपत 350 एमबी थी और अब भी औसत इतनी ही है।"
आज़ाद ने कहा, "आंकड़ों में हो रही वृद्धि यही बताती है कि अब भी मांग ज़्यादा है। हर साल रेलवे स्टेशन पर करीब 8 बिलियन लोगों का आना जाना होता है। ऐसे में 3जी, 4जी और वाई-फाई सेवाओं को एक साथ लाकर ही देश की ज़रूरतों को पूरा किया जा सकता है।"
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