Elon Musk की स्टारलिंक के विरोध में रिलायंस और एयरटेल, स्पेक्ट्रम के कम रेट से नाराज

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पिछले महीने के अंत में टेलीकॉम मिनिस्ट्री को लिखे एक पत्र में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की प्राइसिंग से जुड़े इस प्रपोजल की समीक्षा करने का मांग की है

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 4 जून 2025 22:39 IST
ख़ास बातें
  • स्टारलिंक ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का ऑक्शन नहीं करने के लिए लॉबीइंग की थी
  • इसने इंटरनेशनल ट्रेंड के अनुसार लाइसेंस देने की मांग की थी
  • रिलायंस जियो ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम को ऑक्शन करने का पक्ष लिया था

स्टारलिंक ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का ऑक्शन नहीं करने के लिए लॉबीइंग की थी

देश में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज की जल्द शुरुआत हो सकती है। हालांकि, इससे पहले Reliance Jio और Bharti Airtel जैसे टेलीकॉम कंपनियों ने कहा है कि अगर सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का प्राइस कम रखा जाता है तो इससे उनके बिजनेस को नुकसान होगा। इससे बिलिनेयर Elon Musk की Starlink जैसी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को फायदा हो सकता है। 

पिछले महीने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए उनके वार्षिक रेवेन्यू का चार प्रतिशत केंद्र सरकार को भुगतान करने का प्रपोजल दिया था। स्टारलिंक ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का ऑक्शन नहीं करने के लिए लॉबीइंग की थी। स्टारलिंक का कहना था कि इसके लिए इंटरनेशनल ट्रेंड के अनुसार लाइसेंस दिया जाना चाहिए। इस कंपनी की दलील थी कि यह एक नेचुरल रिसोर्स है जिसकी कम्युनिकेशन से जुड़ी कंपनियों को शेयरिंग करनी चाहिए। 

Reuters की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने पिछले महीने के अंत में टेलीकॉम मिनिस्ट्री को लिखे एक पत्र में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम की प्राइसिंग से जुड़े इस प्रपोजल की समीक्षा करने का मांग की है। इस पत्र में कहा गया है कि सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए प्राइस की तुलना में देश की टेलीकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम के लिए सरकार को लगभग 21 प्रतिशत अधिक भुगतान करती हैं। Reuters ने इस पत्र को देखा है। इसमें कहा गया है, "स्पेक्ट्रम का प्रति  MHz प्राइस दोनों प्रकार की सर्विसेज के लिए समान या तुलना किया जा सकने वाला होना चाहिए।" 

इस बारे में रिलायंस जियो और एयरटेल ने टिप्पणी के लिए Reuters की ओर से भेजे गए निवेदन का उत्तर नहीं दिया। स्टारलिंक इसे लेकर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने Reuters को बताया कि टेलीकॉम मिनिस्ट्री प्राइसिंग से जुड़े TRAI के सुझावों की समीक्षा कर रही है। उनका कहना था कि टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से पहले भी इस प्रकार की आशंकाएं उठाई जा चुकी हैं। पिछले कुछ वर्षों में रिलायंस जियो और अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने टेलीकॉम, डेटा और ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए ऑक्शन में 5G स्पेक्ट्रम हासिल करने के लिए लगभग 20 अरब डॉलर खर्च किए हैं। रिलायंस जियो ने सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के लिए ऑक्शन की मांग की थी। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. iOS 26 रिलीज होने के बाद आईफोन की बैटरी में तेजी से आ रही गिरावट, यूजर्स का दावा!
#ताज़ा ख़बरें
  1. Honda ने पेश की WN7 इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल, 130 किलोमीटर की रेंज
  2. Xiaomi 15T में मिल सकता है MediaTek Dimensity 8400 Ultra चिपसेट, 5,500mAh बैटरी
  3. क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए जरूरी हुआ सायबर सिक्योरिटी ऑडिट, केंद्र सरकार का फैसला
  4. Redmi 15R 5G: 6000mAh बैटरी और 12GB रैम के साथ लॉन्च हुआ 'बजट' रेडमी फोन, जानें कीमत
  5. iPhone 14 Pro मिलेगा 57 हजार से भी सस्ता, ControlZ के द ग्रेट वैल्यू डेज में OnePlus पर भी बंपर छूट
  6. Proxgy ThumbPay: स्मार्टफोन-QR को भूल जाइए, अंगूठे से होंगे डिजिटल पेमेंट!
  7. Flipkart और Amazon Sale के नाम से चल रहा स्कैम, फ्रॉड लगा सकते हैं चूना, ऐसे करें बचाव
  8. Moto G36 बड़ी 6,790 बैटरी और 16GB तक रैम के साथ जल्द होगा लॉन्च! लीक हुए स्पेसिफिकेशन्स
  9. Xiaomi ने पेश किया नया स्मार्ट नेक पिलो मसाजर, गर्दन को स्मार्ट फीचर्स से देगा आराम, जानें खासियतें
  10. Nothing ने ऑपरेटिंग सिस्टम के भविष्य में लगाई छलांग, अगले साल लॉन्च होंगे पहले 'AI-नेटिव डिवाइसेज'
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.