सरकार ने एक बार फिर देश के हर कोने तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाने का बड़ा ऐलान किया है। 22nd Bharat Telecom 2025 इवेंट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत के हर गांव में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए एक मेगा प्लान तैयार किया गया है, जिसकी लागत करीब 34,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस मिशन का मकसद सिर्फ डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाना नहीं, बल्कि गांवों में रहने वाले लोगों को भी वही इंटरनेट फैसिलिटीज देना है, जो अभी तक शहरों तक सीमित थीं।
इस नए प्लान के तहत भारत सरकार देश के रिमोट और ग्रामीण एरिया में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाएगी। ज्यादातर गांवों में इंटरनेट की स्पीड या तो बेहद कम है या फिर नेटवर्क मौजूद ही नहीं होता। ऐसे में डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन एजुकेशन, ई-हेल्थ और सरकारी स्कीम्स तक लोगों की पहुंच काफी मुश्किल हो जाती है। सरकार का यह कदम उन लाखों यूजर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो आज भी इंटरनेट से पूरी तरह कनेक्टेड नहीं हैं।
सरकार के मुताबिक, अभी तक करीब 2 लाख ग्राम पंचायतों को भारतनेट के जरिए जोड़ा जा चुका है। देशभर में 4 लाख 70 हजार से ज्यादा टावर लगाए गए हैं, ताकि लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिले। अब इस मिशन का अगला फेज उन गांवों पर फोकस करेगा जो अब तक कनेक्ट नहीं हो पाए हैं। टारगेट है कि अगले कुछ सालों में देश के हर गांव में फाइबर इंटरनेट कनेक्शन पहुंचाया जाए। यह प्रोजेक्ट Universal Service Obligation Fund (USOF) के तहत फंड किया जा रहा है।
Ministry of Communications के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क को फ्यूचर-रेडी बनाया जाएगा ताकि 5G और आने वाले समय में 6G जैसे टेक्नोलॉजी भी गांवों में स्मूथ तरीके से काम कर सकें। इसका मतलब सिर्फ तेज इंटरनेट ही नहीं, बल्कि गांव के लोग भी स्मार्टफोन, डिजिटल सर्विसेज और ऑनलाइन वर्क के लिए पूरी तरह तैयार हो सकेंगे।
एक और दिलचस्प बात ये है कि सरकार सिर्फ नेटवर्क नहीं बिछा रही, बल्कि लोकल लेवल पर डिजिटल साक्षरता को बढ़ाने और लोगों को ट्रेनिंग देने की भी योजना बना रही है, जिससे गांव के लोग इंटरनेट का सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें।
इस पूरे मिशन को 2025 से पहले पूरा करने का टारगेट रखा गया है। यानी अगले दो सालों में गांवों में भी 4G-5G जैसी स्पीड नॉर्मल हो सकती है।