देश में हाई-स्पीड 5G सर्विसेज को शुरू करने के बाद केंद्र सरकार ने 6G को लेकर ग्लेबल लीडर बनने की योजना बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को 5G सर्विसेज लॉन्च की थी। इससे देश में मोबाइल फोन्स पर हाई-स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा। मोदी ने कहा था कि देश के लोगों को टेलीकॉम इंडस्ट्री की ओर से 5G के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है।
मोदी ने बताया था कि देश 2G, 3G और 4G टेक्नोलॉजीज के लिए अन्य देशों पर निर्भर था लेकिन 5G के साथ भारत ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनका कहना था, "5G के साथ भारत पहली बार टेलीकॉम से जुड़ी टेक्नोलॉजी में एक ग्लोबल स्टैंडर्ड तय कर रहा है।" इसके साथ ही 5G टेक्नोलॉजी को लेकर मोदी ने कहा था कि यह केवल हाई-स्पीड इंटरनेट एक्सेस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें लोगों के जीवन में बड़ा परिवर्तन करने की क्षमता है। कम्युनिकेशंस मिनिस्टर Ashwini Vaishnaw ने रविवार को
कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश को सिक्स्थ-जेनरेशन वायरलेस टेक्नोलॉजी (6G) में अग्रणी बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के तहत 5G और 6G के आगामी डिवेलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण स्टडी ग्रुप्स की अगुवाई भारतीय एक्सपर्ट्स कर रहे हैं।
Ericsson की ओर से किए गए एक सर्वे से पता चला है कि इस हाई-स्पीड नेटवर्क के लॉन्च होने के बाद टेलीकॉम कंपनियों के एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। सर्वे में शामिल यूजर्स में से लगभग 36 प्रतिशत ने कहा कि वे इस नेटवर्क के लिए बेस्ट सर्विस प्रोवाइडर को चुनेंगे। 5G को सपोर्ट वाले स्मार्टफोन रखने वाले लगभग 60 प्रतिशत यूजर्स का कहना था कि उन्हें इस
नेटवर्क के साथ इनोवेटिव एप्लिकेशंस के आने की भी उम्मीद है। Ericsson ConsumerLab की ओर से यह सर्वे इस वर्ष की दूसरी तिमाही में किया गया था। इसमें देश के शहरों में लगभग 30 करोड़ स्मार्टफोन यूजर्स को शामिल किया गया है।
शहरों में 5G पर अपग्रेड करने का इरादा रखने वाले यूजर्स की संख्या अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से दोगुनी अधिक है जहां यह नेटवर्क पहले ही लॉन्च किया जा चुका है। केंद्र सरकार ने इस नेटवर्क को दो वर्षों के अंदर पूरे देश में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। Reliance Jio ने अगले वर्ष के अंत तक देश के प्रत्येक शहर और कस्बे तक इस नेटवर्क को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।