पिछले कुछ वर्षों से मुश्किलों का सामना कर रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) का पिछले वित्त वर्ष में नेट लॉस घटकर 5,367 करोड़ रुपये का रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का नेट लॉस 8,161 करोड़ रुपये का था। इसका लॉस घटने के पीछे खर्चों में कमी और नॉन-ऑपरेटिंग इनकम में बढ़ोतरी प्रमुख कारण हैं।
एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, BSNL का ऑपरेशंस से रेवेन्यू मामूली बढ़कर 19,343.6 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि, यह केंद्र सरकार की ओर से तय किए गए 20,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य से कम रहा है। पिछले वित्त वर्ष में कंपनी का
सेल्युलर सर्विसेज और एंटरप्राइज सेगमेंट से रेवेन्यू घटा है। इसके खर्च लगभग 2.5 प्रतिशत घटकर 26,683 करोड़ रुपये के रहे। हालांकि, कंपनी की एंप्लॉयी कॉस्ट 4.4 प्रतिशत बढ़कर 8,034 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। BSNL को प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। यह अपनी 4G सर्विस लॉन्च कर रही है। Bharti Airtel और Reliance Jio जैसी बड़ी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने देश भर में अपना 5G नेटवर्क शुरू कर दिया है। इससे इन कंपनियों के सब्सक्राइबर्स की संख्या भी बढ़ रही है।
हाल ही में BSNL ने BharatNet प्रोजेक्ट के तीसरे फेज के लिए लगभग 65,000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था। यह लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसमें दो लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए चुनी गई कंपनियों को 10 वर्षों के लिए ग्राम पंचायतों में नेटवर्क को ऑपरेट भी करना होगा। BSNL ने 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए बिड मंगाई हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, केरल, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी शामिल हैं। इस टेंडर की शर्तों के अनुसार, जिस राज्य के लिए बिड दी जा रही है उसके आधार पर कंपनी की न्यूनतम नेटवर्थ 50-375 करोड़ रुपये की होनी जरूरी है।
पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने BSNL को 4G और 5G सर्विसेज शुरू करने के लिए 89,000 करोड़ रुपये का रिवाइवल पैकेज दिया था। BSNL ने देश में कई स्थानों पर लगभग 3,500 4G बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशंस (BTS) शुरू किए हैं। कंपनी ने जल्द ही पूरे देश में 4G सर्विस लॉन्च करने का टारगेट रखा है।