सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को 4G नेटवर्क के लॉन्च में देरी और मोबाइल सेगमेंट में कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है। प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों Reliance Jio और Bharti Airtel का 5G नेटवर्क देश के बड़े हिस्से में मौजूद है। BSNL को इन कंपनियों का मुकाबला करने में मुश्किल हो रही है।
मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर टेलीकॉम Pemmasani Chandra Sekhar ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि BSNL ने 4G की एक लाख साइट्स के लिए परचेज ऑर्डर दिए हैं। इनमें से लगभग 84,000 साइट्स को इंस्टॉल किया गया है और 74,521 साइट्स शुरू हो चुकी हैं। उन्होंने बताया है कि 4G नेटवर्क के लॉन्च में देरी और मोबाइल सेगमेंट में कड़ी प्रतिस्पर्धा से कंपनी के रेवेन्यू पर असर पड़ा है।
हाल ही में टेलीकॉम मिनिस्टर Jyotiraditya Scindia ने बताया था कि
BSNL के 4G नेटवर्क को जून से 5G पर अपग्रेड किया जाएगा। दुनिया में भारत पांच ऐसे देशों में शामिल हो गया है जिन्होंने अपनी 4G टेक्नोलॉजी को डिवेलप किया है। सरकार का लक्ष्य इस एक्सपर्टाइज का 5G तक विस्तार करने का है। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से BSNL को 4G नेटवर्क के एक्सपैंशन के लिए 6,000 करोड़ रुपये की फंडिंग को स्वीकृति दी गई थी। इस फंड का इस्तेमाल कंपनी की सब्सिडियरी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड ( MTNL) के
4G नेटवर्क के लिए भी किया जाएगा। दिल्ली और मुंबई में टेलीकॉम सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली MTNL का कंट्रोल BSNL के पास है।
BSNL के नेटवर्क के 5G पर अपग्रेड के लिए लगभग दो अरब डॉलर के टेलीकॉम इक्विपमेंट के कॉन्ट्रैक्ट में विदेशी कंपनियों को भी बिड देने की अनुमति दी जा सकती है। अगर कंपनी के 5G नेटवर्क पर अपग्रेड के लिए विदेशी टेलीकॉम इक्विपमेंट कंपनियों को शामिल किया जाता है तो यह सरकार के रुख में बड़ा बदलाव होगा। कंपनी के 4G नेटवर्क को इंस्टॉल करने की जिम्मेदारी सॉफ्टवेयर मेकर टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की अगुवाई वाले कंसोर्शियम को दी गई है। कंपनी के 5G से जुड़े टेंडर की वॉल्यूम का आधा हिस्सा देश की कंपनियों के लिए रिजर्व करने के एक प्रपोजल पर सरकार विचार कर रही है। इस टेंडर के बाकी के हिस्से के लिए बिड देने की विदेशी कंपनियों को अनुमति मिल सकती है।