भारत समेत दुनिया के कई देशों में इस समय 5G मोबाइल नेटवर्क का विस्तार हो रहा है। लोग तेजी से 5G टेक्नॉलजी को एडॉप्ट कर रहे हैं, क्योंकि यह तेज इंटरनेट स्पीड ऑफर करता है। हालांकि
6G के आते ही लोग 5G को भूल जाएंगे! ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि 6G, 5G की तुलना में 1000 गुना तेज डाउनलिंक स्पीड दे सकता है। अनुमान है कि 6G के लॉन्च होने के शुरुआती 2 साल में लगभग 29 करोड़ कनेक्शन होंगे।
टेलीकॉम सेक्टर की जानीमानी रिसर्च फर्म
जुनिपर रिसर्च ने ये आंकड़े शेयर किए हैं।
बताया गया है कि 6G के ऑफिशियली 2029 में लॉन्च होने की उम्मीद है और साल 2030 में दुनियाभर में इसके 29 करोड़ कनेक्शन होंगे। हालांकि रिपोर्ट यह भी कहती है कि ऐसा मुमकिन बनाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को तकनीकी समस्याओं से निपटना होगा। नेटवर्क को तेजी से अपग्रेड करना होगा।
रिपोर्ट कहती है कि 6G में मिलने वाला हाई-फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम मौजूदा 5G नेटवर्क के मुकाबले 100 गुना ज्यादा थ्रूपुट स्पीड देने वाली काबिलियत से लैस होगा। सबसे बड़ी चुनौती आएगी टेलीकॉम कंपनियों को, क्योंकि उन्हें नेटवर्क को सॉल्व करना होगा। रिपोर्ट यह भी कहती है कि 6जी की शुरुआत घनी आबादी वाले इलाकों से होगी, क्योंकि कंपनियां ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना चाहेंगी।
भारत में 5जी नेटवर्क के विस्तार की बात करें, तो पिछले साल अगस्त में केंद्रीय टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव की ओर से बताया गया था कि 3 लाख से ज्यादा जगहों पर 5जी को पहुंचा दिया गया है। यह काम 10 महीनों में किया गया है। सभी 3 लाख 5जी साइट्स भारत के 714 जिलों में मौजूद हैं यानी 714 जिलों को अब 5G नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध है।
अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि दुनिया का सबसे तेज 5G रोलआउट जारी है। भारत के 714 जिलों की 3 लाख से ज्यादा साइट्स पर 5जी पहुंच चुका है। फिलहाल भारत में 5G सर्विसेज उपलब्ध करवाने वाली दो ही टेलीकॉम कंपनियां हैं जिसमें Jio, और Airtel का नाम शामिल है। वोडा-आइडिया की 5जी सर्विसेज भी जल्द देश में शुरू हो सकती हैं।