• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • What is Samudrayaan Mission? समुद्र में 6000 मीटर गहराई तक जाएंगे भारतीय वैज्ञानिक, जानें समुद्रयान मिशन की खूबियां

What is Samudrayaan Mission? समुद्र में 6000 मीटर गहराई तक जाएंगे भारतीय वैज्ञानिक, जानें समुद्रयान मिशन की खूबियां

Samudrayaan Mission : गगनयान के साथ-साथ समुद्रयान (Samudrayaan) पर भी काम चल रहा है, जोकि भारत का पहला गहरा समुद्री मिशन होगा और वैज्ञानिक भी समुद्र में गोता लगाएंगे।

What is Samudrayaan Mission? समुद्र में 6000 मीटर गहराई तक जाएंगे भारतीय वैज्ञानिक, जानें समुद्रयान मिशन की खूबियां

Photo Credit: Pixabay

मॉड्यूल को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में टेस्‍ट किया जाएगा।

ख़ास बातें
  • भारत कर रहा समुद्रयाान मिशन की तैयारी
  • समुद्र की गहराइयों में गोता लगाएंगे वैज्ञानिक
  • मिशन के खास मॉड्यूल को तैयार कर रहा इसरो
विज्ञापन
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में इस वक्‍त सबसे ज्‍यादा चर्चा गगनयान (Gaganyaan) मिशन की है। मिशन के तहत पहली बार भारत की जमीन से अंतरिक्ष यात्रियों को तीन दिन की स्‍पेस यात्रा में भेजा जाएगा। लेकिन एक और मिशन पर हमारे वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। रिपोर्ट्स पर भरोसा करें तो गगनयान के साथ-साथ समुद्रयान (Samudrayaan) पर भी काम चल रहा है, जोकि भारत का पहला गहरा समुद्री मिशन होगा और वैज्ञानिक भी समुद्र में गोता लगाएंगे। 

इस मिशन में जिस पनडुब्‍बी का इस्‍तेमाल होगा, उसका नाम मत्स्य-6000 (Matsya-6000) रखा गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन के अहम मॉड्यूल को इसरो डेवलप कर रहा है।  

उस मॉड्यूल में क्रू रहेगा, साथ ही लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम और अन्‍य जरूरी चीजें भी होंगी। मॉड्यूल को टाइटेनियम से बनाया जा रहा है, जिसकी मोटाई 80 एमएम होगी। रिपोर्ट के अनुसार, क्‍योंकि मॉड्यूल टाइटेनियम का है, इसलिए उसकी वेल्डिंग के लिए जो काबिलियत चाहिए, वह सिर्फ इसरो के पास है। 

इसरो की विक्रम साराभाई स्‍पेस सेंटर फैसिलटी (VSSC) को यह टास्‍क पूरा करने की जिम्‍मेदारी दी गई थी। कहा जाता है कि काम पूरा करने के लिए VSSC को अपनी मशीनरी में कुछ सुधार करने पड़े। मॉड्यूल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह समुद्र तल से 6 हजार मीटर गहराई तक दबाव को झेल सके।  
 

रूस से भी मदद

भारत के पास ऐसी फैसिलिटीज की कमी है, जिसमें मॉड्यूल को टेस्‍ट किया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार उसे रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में टेस्‍ट किया जाएगा। मॉड्यूल का काम अगले कुछ महीनों में पूरा हो सकता है, जिसे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओसियन टेक्‍नॉलजी को सौंपा जाएगा। यह इंस्टिट्यूट पूरे मिशन को लीड कर रहा है। भारत कामयाब होता है तो वह अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन जैसे देशों की लिस्‍ट में शामिल हो जाएगा, जो वैज्ञानिकों को गहरे समुद्री मिशनों में भेज चुके हैं। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Honor Power 2 में मिल सकता है MediaTek Dimensity 8500 चिपसेट, Geekbench पर हुई लिस्टिंग
  2. Ola Electric को बड़ी राहत, सरकार से मिला 367 करोड़ रुपये का इंसेंटिव
  3. Apple ने चुपचाप बंद किए 25 iPhones, iPads, स्मार्टवॉच और एयरपॉड्स, यहां देखें फुल लिस्ट
  4. Gmail यूजर्स हो जाओ खुश! मिलेगा मनचाहा @gmail.com एड्रेस, आ रहा सबसे बड़ा अपडेट
  5. शनि के चंद्रमा पर जीवन की बड़ी संभावना! इस खोज ने जगाई उम्मीद
  6. Poco M8 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का AI कैमरा
  7. Flipkart की साल की आखिरी सेल, स्मार्टफोन से लेकर स्मार्टटीवी पर बंपर डिस्काउंट, देखें बेस्ट डील
  8. Samsung की भारत में स्मार्टफोन के डिस्प्ले बनाने की तैयारी
  9. Year Ender 2025: AI समरी, मैसेज ट्रांसलेशन से लेकर WhatsApp ने इस साल लॉन्च किए ये गजब फीचर्स
  10. चीन के साथ चांद पर न्युक्लियर प्लांट बनाएगा रूस! अमेरिका भी दौड़ में, जानें क्यों लगी है रेस
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »