• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • धूमकेतु (Comet) क्या होते हैं, कहां से आते हैं, क्या ये धरती से टकरा सकते हैं? NASA ने दिए चौंकाने वाले जवाब

धूमकेतु (Comet) क्या होते हैं, कहां से आते हैं, क्या ये धरती से टकरा सकते हैं? NASA ने दिए चौंकाने वाले जवाब

छोटे ऑर्बिट लाइफ वाले कॉमेट सूरज का एक चक्कर लगाने में 200 साल का समय लेते हैं।

धूमकेतु (Comet) क्या होते हैं, कहां से आते हैं, क्या ये धरती से टकरा सकते हैं? NASA ने दिए चौंकाने वाले जवाब

धूमकेतु सौरमंडल के निर्माण के समय से ही अंतरिक्ष मौजूद हैं।

ख़ास बातें
  • स्टारडस्ट मिशन के दौरान Comet Wild 2 का किया अध्य्य़न
  • इनमें हाईड्रोकार्बन मौजूद होते हैं जो जीवन का आधार माना जाता है
  • कुछ कॉमेट 25 हजार साल में पूरा करते हैं सूर्य का एक चक्कर
विज्ञापन
हम अपने सौरमंडल के बारे में जानते हैं कि इसके ग्रह सूरज के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं। लेकिन क्या आप ये भी जानते हैं कि सौरमंडल में ग्रहों के अलावा भी लाखों ऐसे खगोलीय पिंड हैं जो बर्फ और धूल के बने हैं। इन्हें धूमकेतु (Comet) कहा जाता है। NASA कहती है कि धूमकेतु भी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं और ये धूल और बर्फ से बने बड़े बड़े खगोलीय पिंड होते हैं। अंतरिक्ष एजेंसी कहती है कि धूमकेतु आज से लगभग 4.6 खरब साल पहले बने थे जब सौरमंडल का निर्माण हुआ था। इन्हें इनकी जलती हुई या चमकती हुई पूंछ के कारण अधिक जाना जाता है। 

आपके मन में भी यह सवाल आता होगा कि आखिर ये धूमकेतु आते कहां से हैं? नासा का कहना है कि ये सौरमंडल के मध्य में मौजूद हैं। इनमें से कुछ तो नेप्च्यून ग्रह के ऑर्बिट के बाहर भी पाए जाते हैं। इनमें से कुछ तो छोटे ऑर्बिट लाइफ वाले कॉमेट होते हैं जो सूरज का एक चक्कर लगाने में 200 साल का समय लेते हैं। दूसरे कॉमेट सौर मंडल के बाहरी छोर पर घूमते हैं जिसे ऊर्ट क्लाउट (Oort Cloud) कहा जाता है। इनके बारे में एजेंसी का कहना है कि ये सूरज का एक चक्कर लगाने में 25 हजार साल तक का वक्त ले लेते हैं। 

हम अक्सर सुनते हैं कि कोई कॉमेट धरती की ओर आ रहा है और सूरज की तरफ जा रहा है। तो क्या सौरमंडल में प्रवेश करने पर कॉमेट जलने लगता है और खत्म हो जाता है? इसके बारे में अभी तक कोई ठोस उत्तर नहीं दिया जा सका है। लेकिन इतना कहा गया है कि जब वे किसी तारे या ग्रह के नजदीक आते हैं तो उस ग्रह का गुरुत्वाकर्षण उसे खींचता है जिससे उसकी दिशा बदल जाती है और ग्रह से टकराव भी संभव है। अगर वह ग्रह से न टकराकर सूरज की ओर जाता है तो सूरज के पास जाकर खत्म हो जाता है। 

कॉमेट्स के बारे में अधिक जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। कुछ साल पहले नासा ने अपने स्टारडस्ट मिशन के दौरान Comet Wild 2 नाम के धूमकेतु के कुछ टुकड़े जमा किए थे। इन्हें धरती पर वापस लाया गया था। वैज्ञानिकों ने इन टुकड़ों के अध्य्यन से पाया कि इनमें हाईड्रोकार्बन मौजूद है। ये वही केमिकल होते हैं जो जीवन का आधार माने जाते हैं। इसके अलावा यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने अपने मिशन Rosetta के दौरान भी ऐसे ही एक कॉमेट का अध्य्यन किया था। इसमें भी एजेंसी को हाइड्रोकार्बन की मौजूदगी मिली थी। कुल मिलाकर कहा जाए तो, धूमकेतु के बारे में पूर्ण जानकारी अभी तक वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है, लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि ये भी दूसरे ग्रहों की तरह अंतरिक्ष में घूमते हैं और दूसरे ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित होते हैं। इसलिए संभव है कि ये ग्रहों से टकरा भी सकते हैं। 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. ट्रंप ने दी मस्क की कंपनियों को मिले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने की चेतावनी
  2. इंफोसिस को बड़ी राहत, नहीं चुकाना होगा 32,400 करोड़ रुपये का GST 
  3. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  4. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  5. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  6. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  7. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  8. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  9. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  10. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »