सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण तो आपने देखा-सुना है ही, अगर हम आपसे कहें कि मंगल ग्रहण (Mars eclipse) भी होता है, तो क्या यकीन कर पाएंगे। बुधवार और गुरुवार की रात दुनियाभर में एक खास नजारे को लोगों ने कैद किया। आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोगों ने पूर्णिमा की रात यह नजारा देखा। तस्वीरें सोशल मीडिया में शेयर कीं। इनमें देखा जा सकता है कि कैसे मंगल ग्रह, चांद के पीछे से उग रहा है। आइए इस पूरे मामले को समझ लेते हैं।
हम जिसे ‘मंगल ग्रहण' कह रहे हैं, वह एक बेहद दुर्लभ घटना है, जिसे लूनार आकल्टेशन (lunar occultation) कहा जाता है। इसमें कोई तारा छुप या गायब हो जाता है और फिर चंद्रमा के पीछे या किनारे से प्रकट होता है। बुधवार रात ऐसा ही हुआ, जब तारे के रूप में नजर आने वाला मंगल ग्रह छुपने के बाद चंद्रमा के पीछे से निकला। इस दौरान पृथ्वी, मंगल और सूर्य के बीच में थी। इस वजह से लाल ग्रह आसमान में तेज चमक रहा था।
पूर्णिमा के मौके पर इस विशिष्ट नजारे को दुनियाभर में लोगों ने देखा। कुछ बेहतरीन तस्वीरें भी सामने आई हैं। कैलिफोर्निया में ग्रिफ़िथ ऑब्जर्वेट्री (Griffith Observatory) ने शानदार नजारा कैद किया। आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोग सोशल मीडिया पर लूनार आकल्टेशन की भव्य तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं।
एस्ट्रोफोटोग्राफर एंड्रयू मैककार्थी ने भी ऐसी ही एक तस्वीर शेयर की है। यह तस्वीर इसलिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि मंगल ग्रह इस पोजिशन में 26 महीनों में एक बार आता है। अगली बार ऐसा नजारा जनवरी 2025 में देखने को मिल सकता है।
यह घटना इसलिए भी अहम है, क्योंकि मंगल ग्रह पृथ्वी के करीब था। वह अपनी पेरिगी पर था यानी अपनी कक्षा में पृथ्वी के निकटतम बिंदु पर मौजूद था। बात करें पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच सबसे कम दूरी की, तो साल 2003 में दोनों ग्रहों के बीच दूरी 5.6 करोड़ किलोमीटर तक रह गई थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, अगले 265 साल तक दोनों ग्रह इतने करीब नहीं आएंगे। साल 2287 में ऐसा मुमकिन हो सकेगा। बहरहाल, आप ‘मंगल ग्रहण' की इन तस्वीरों का लुत्फ उठाइए।
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