अमेरिका की खुफिया एजेंसियां कई वर्षों से आसमान में UFO देखे जाने के मामलों की पड़ताल कर रही हैं। UFO यानी अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स। ये कहां से आते हैं और कहां चले जाते हैं, पता ही नहीं चलता। अमेरिका और मैक्सिको के आसमान में इनकी सबसे ज्यादा आवाजाही स्पॉट होती है और लाखों लोग यह भरोसा करते आए हैं कि UFO के जरिए दूसरी दुनिया में रहने वाले एलियंस हमारी टोह ले रहे हैं। वर्षों की रिसर्च के बाद अमेरिका के अधिकारी इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि UFO का दूसरी दुनिया से कोई ताल्लुक नहीं, बल्कि ये चीन की करतूत हैं। अधिकारियों का मानना है कि चीन, अमेरिका के एडवांस फाइटर प्लेन्स से जानकारी हासिल करने के लिए अपने ड्रोन्स भेज रहा है।
लाइव साइंस की
रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि चीन ने पहले भी ऐसा किया है और वह यह जानना चाहता है कि अमेरिका अपने पायलटों को किस तरह से ट्रेनिंग देता है। हालांकि कई ऐसे ऑब्जेक्ट भी हैं, जो चीन से जुड़े हुए नहीं हैं। अधिकारियों का मानना है कि ये संभवतः ऑप्टिकल इल्यूजन यानी भ्रम की वजह से हैं।
इसके बावजूद कई फुटेज और तस्वीरों को खारिज नहीं किया जा सका है। यानी अभी भी UFO की मिस्ट्री पूरी तरह सुलझी नहीं है, लेकिन अधिकारी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि आसमान में उड़ने वाले टेक्नॉलजी का कोई एलियन रोल नहीं है।
इस साल मई में पेंटागन के अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने धरती पर एलियंस की मौजूदगी के कोई सबूत नहीं देखे हैं। एक अधिकारी ने खुलासा किया था कि पिछले 20 साल कुल 400 UFO देखे गए हैं और यह आंकड़ा पहले से दोगुना हो गया है। अधिकारियों ने कहा था कि किसी तरह की अलौकिक उत्पत्ति का सबूत उनके सामने नहीं आया है।
वहीं, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने अज्ञात हवाई घटनाओं (UAP) से जुड़ी
स्टडी में भाग लेने के लिए 16 लोगों का चयन किया है। UAP जिसे अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग फिनॉमिना कहा जाता है, वह UFO का ही रीब्रैंड वर्जन है। रिसर्च के तहत अनक्लासिफाइड डेटा का इस्तेमाल करके एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे अगले साल तक सार्वजनिक किया जाएगा।