• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • पृथ्‍वी से 400km ऊपर ‘फंस’ गईं अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्‍स! क्‍या है मामला? जानें

पृथ्‍वी से 400km ऊपर ‘फंस’ गईं अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्‍स! क्‍या है मामला? जानें

Sunita Williams ISS : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बताया है कि स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट की पृथ्‍वी पर वापसी में देरी हो रही है।

पृथ्‍वी से 400km ऊपर ‘फंस’ गईं अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्‍स! क्‍या है मामला? जानें

बोइंग के स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट ने वैसे तो कई उड़ानें भरी हैं, लेकिन वह आईएसएस पर एस्‍ट्रोनॉट्स को लेकर पहली बार पहुंचा है।

ख़ास बातें
  • अंतरिक्ष यात्री सुनीता विल‍ियम्‍स आईएसएस पर
  • पृथ्‍वी पर लौटने में हो रही देरी
  • बोइंग स्‍पेसक्राफ्ट को आ रही कई तकनीकी समस्‍याएं
विज्ञापन
Sunita Williams ISS : इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल हमेशा तैनात रहता है और वहां रहकर अंतरि‍क्ष प्रयोगों को पूरा करता है। 5 जून को भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्‍स (Sunita Williams) अंतरिक्ष में पहुंची थीं। उनके साथ बुच विल्‍मोर भी गए थे। दोनों ने बोइंग स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट (Boeing Starliner) में उड़ान भरी थी। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने बताया है कि स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट की पृथ्‍वी पर वापसी में देरी हो रही है। क्‍या है इसकी वजह, आइए जानते हैं। 
 

ISS पर पहुंचने के बाद स्‍पेसक्राफ्ट में आए लीक 

5 जून को स्टारलाइनर ने आईएसएस के लिए उड़ान भरी और अगले दिन वहां पहुंच गया। जब भी कोई स्‍पेसक्राफ्ट आईएसएस पर पहुंचता है तो उसके साथ डॉक हो जाता है और फ‍िर तय वक्‍त के बाद एस्‍ट्रोनॉट्स को लेकर धरती पर आ जाता है। हालांकि आईएसएस तक पहुंचने के दौरान स्‍टारलाइनर को 4 बार हीलियम लीक्‍स और थ्रस्‍टरों में दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा है। 
   

पहली बार एस्‍ट्रोनॉट्स को लेकर पहुंचा ISS पर 

बोइंग के स्‍टारलाइनर स्‍पेसक्राफ्ट ने वैसे तो कई उड़ानें भरी हैं, लेकिन वह आईएसएस पर एस्‍ट्रोनॉट्स को लेकर पहली बार पहुंचा है। पहले ही मिशन में उसे तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी जांच की जा 
रही है। यही वजह है कि सुनीता विलियम्‍स और उनके साथी की वापसी में देरी हुई है। 
 

कब तक हो पाएगी वापसी? 

नासा ने बताया है कि सुनीता विल‍ियम्‍स और बुच विल्‍मोर की एक स्‍पेसवॉक पहले से तय है, जो 24 जून को होगी। दोनों एस्‍ट्रोनॉट्स 26 जून तक धरती पर लौट पाएंगे। अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी कोई भी रिस्‍क नहीं लेना चाहती। वह तभी स्‍टारलाइनर को धरती पर लौटने की मंजूरी देगी, जब तकनीकी दिक्‍कतें ठीक कर ली जाएंगी। 
 

6 महीनों का मिशन भी उड़ा सकता है स्‍टारलाइनर 

स्‍टारलाइनर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि भविष्‍य में वह 6 महीनों के लिए मिशन को लेकर उड़ सकता है। मौजूदा मिशन अधिकतम 45 दिनों तक डिजाइन हुआ है। यानी 26 जून को भी वापसी नहीं हो पाई तो नासा के पास कुछ दिन और होंगे। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. दिवाली से पहले Flipkart Big Festive Dhamaka में मात्र 56 हजार में iPhone 16, 16 Pro, 16 Pro Max पर जबरदस्त डील
  2. फोन में इंटरनेट स्पीड बढ़ाने का ये तरीका नहीं होगा आपको मालूम, जानें
  3. iQOO Neo 11 में हो सकती है 7,500mAh की बैटरी, जल्द हो सकता है लॉन्च
  4. Apple के अगले CEO बन सकते हैं John Ternus, कंपनी के चीफ Tim Cook की हो सकती है रिटायरमेंट!
  5. itel ने भारत में पेश किया A100C स्मार्टफोन, इसमें ब्लूटूथ से होगी कॉलिंग! जानें स्पेसिफिकेशन्स
  6. Ather की बड़ी कामयाबी, 5 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की मैन्युफैक्चरिंग   
  7. Elon Musk को पसंद नहीं है QR कोड, X पर छिड़ी कमेंट्स की जंग, एक यूजर ने दे डाला आइडिया
  8. Apple का स्लिम और धांसू MacBook Air (M2) Rs 23 हजार के बंपर डिस्काउंट पर! यहां से खरीदें
  9. 7,000mAh की बैटरी के साथ भारत में लॉन्च होगा Moto G06 Power, Flipkart के जरिए बिक्री
  10. क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »