• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • स्‍टडी में दावा, गर्भनाल की क्षतिग्रस्‍त स्‍टेम कोशिकाएं हो सकती हैं ठीक

स्‍टडी में दावा, गर्भनाल की क्षतिग्रस्‍त स्‍टेम कोशिकाएं हो सकती हैं ठीक

यह तरीका गर्भावस्था की जटिलताओं जैसे- प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) के दौरान काम आ सकता है।

स्‍टडी में दावा, गर्भनाल की क्षतिग्रस्‍त स्‍टेम कोशिकाएं हो सकती हैं ठीक

रणनीति के तहत हरेक क्षतिग्रस्त स्टेम सेल को नैनोपार्टिकल बैकपैक (nanoparticle backpack) दिया जाता है।

ख़ास बातें
  • आजकल पैरंट्स शिशु की गर्भनाल में रक्त जमा करने का ऑप्‍शन चुनते हैं
  • लेकिन कई बार गर्भनाल की स्टेम कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं
  • वैज्ञानिकों ने स्‍टडी में कोशिकाओं को ठीक करने की तकनीक बताई है
विज्ञापन
क्या आप जानते हैं कि नवजात शिशु की गर्भनाल ‘लिम्फोमा और ल्यूकेमिया' जैसी जीवन रक्षक स्टेम कोशिकाओं का घर होती है? इसी वजह से आजकल पैरंट्स शिशु की गर्भनाल में रक्त जमा करने का ऑप्‍शन चुनते हैं। हालांकि अगर गर्भावस्था गर्भावधि (gestational) डायब‍िटीज से प्रभावित होती है, तो गर्भनाल की स्टेम कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और गर्भनाल बेकार हो जाती है। अब नोट्रे डेम (Notre Dame) यूनिवर्सिटी के बायोइंजीनियरों ने अपनी स्‍टडी में एक रणनीति का जिक्र किया है, जिससे क्षतिग्रस्त स्टेम कोशिकाओं को ठीक किया जा सकता है, जिससे वह दोबारा नए ऊतकों को विकसित कर सकती हैं। इस रणनीति के तहत हरेक क्षतिग्रस्त स्टेम सेल को नैनोपार्टिकल बैकपैक (nanoparticle backpack) दिया जाता है।

स्‍टडी के अनुसार, 150 नैनोमीटर व्यास के हरेक गोलाकार नैनोपार्टिकल में दवा को स्टोर करने और उसे धीरे-धीरे स्टेम सेल में ट्रांसफर करने की क्षमता होती है।

नॉट्रे डेम में बायोइंजीनियरिंग ग्रैजुएट प्रोग्राम में एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डोनी हंजय ने कहा कि हरेक स्टेम सेल एक सैनिक की तरह है। यह स्मार्ट और प्रभावी है। यह जानती है कि कहां जाना है और क्या करना है। लेकिन हम जिन ‘सैनिकों' के साथ काम कर रहे हैं, वो कमजोर हैं। उन्हें नैनोपार्टिकल ‘बैकपैक' देकर हम उन्हें प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तैयार कर रहे हैं।

रिसर्चर्स ने ‘बैकपैक' को हटाकर भी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं पर प्रयोग किया। पता चला कि कोशिकाओं ने अधूरे ऊतकों का निर्माण किया। वहीं ‘बैकपैक' इस्‍तेमाल करने पर कोशिकाओं ने नए ब्‍लड वेसल भी बनाए। हंजय ने कहा उनकी स्‍टडी अब तक डेवलप किसी भी मेथड का सबसे डेवलप हिस्‍सा है। उन्‍होंने कहा कि दवा को सीधे ब्‍लड में इंजेक्ट करने पर कई तरह के जोखिम और साइड इफेक्‍ट्स की संभावना रहती है। 

हंजय और उनकी टीम को लगता है कि यह तरीका गर्भावस्था की जटिलताओं जैसे- प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) के दौरान काम आ सकता है। रिसर्चर ने कहा कि भविष्य में स्टेम कोशिकाओं को त्यागने के बजाए हम आशा करते हैं कि डॉक्‍टर उन्हें फिर से जीवित करने और शरीर को दोबारा रीजेनरेट करने के लिए उनका इस्‍तेमाल करने में सक्षम होंगे। उन्‍होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि प्रीक्लेम्पसिया के कारण समय से पहले पैदा हुए बच्चे को आधे-अधूरे फेफड़े के साथ एनआईसीयू में रहना पड़ता है। हमारी तकनीक बच्‍चे के डेवलपमेंट में सुधार कर सकती है।  
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. HMD T21 Tablet भारत में हुआ लॉन्च, 8,200 mAh की बैटरी, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  2. Moto G96 5G की कल से शुरू होगी बिक्री, जानें प्राइस ऑफर्स
  3. Realme 15 Pro 5G में मिलेगा 50 मेगापिक्सल का Sony IMX896 प्राइमरी कैमरा
  4. भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी से लेकर टेस्ला के मुंबई में शोरूम खोलने तक, ये हैं आज की महत्वपूर्ण खबरें
  5. Samsung इंडिया में 19 जुलाई को ला रहा है Galaxy F36 5G, लॉन्च से पहले सामने आया डिजाइन
  6. Tesla ने मुंबई में शुरू किया पहला शोरूम, जानें कितना होगा कंपनी की इलेक्ट्रिक कार का प्राइस
  7. अब बिना OTP के नहीं मिलेगी Tatkal टिकट! IRCTC का नया नियम आज से लागू, यहां जानें पूरा प्रोसेस
  8. India में YouTube 'Hype' फीचर, 500 सब्सक्राइबर्स वाले भी अब होंगे वायरल, जानें सबकुछ
  9. भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक स्पेस मिशन के बाद धरती पर हुई वापसी, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
  10. भारत सरकार की चेतावनी, लैपटॉप यूजर्स हो जाएं सावधान, हैकर्स चुरा सकते हैं निजी जानकारी, जानें कैसे करें बचाव
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »