ISRO इतिहास रचने के करीब! 3 मीटर तक करीब आए सैटेलाइट, हाथ मिलाने से चूके

दो भारतीय सैटेलाइट्स एक दूसरे के 3 मीटर तक करीब आ गए!

ISRO इतिहास रचने के करीब! 3 मीटर तक करीब आए सैटेलाइट, हाथ मिलाने से चूके

Photo Credit: ISRO

ISRO ने स्पेस डॉकिंग प्रोग्राम के तहत दो सैटेलाइट्स की डॉकिंग करने की कोशिश की।

ख़ास बातें
  • दो सैटेलाइट्स की डॉकिंग करने की कोशिश
  • दो भारतीय सैटेलाइट्स एक दूसरे के 3 मीटर तक करीब आ गए
  • डाटा विश्लेषण के बाद डॉकिंग की फिर से कोशिश की जाएगी
विज्ञापन
ISRO ने अंतिरक्ष की दुनिया में एक बार फिर से कारनामा करने की कोशिश में कुछ हद तक सफलता पा ली है। कंपनी ने स्पेस डॉकिंग प्रोग्राम के तहत दो सैटेलाइट्स की डॉकिंग करने की कोशिश की। जिसमें दो भारतीय सैटेलाइट्स एक दूसरे के 3 मीटर तक करीब आ गए! इतने करीब आने के बाद अब ये दोनों एक दूसरे से दूर जा रहे हैं। इंडियन स्पेस एजेंसी ने इनकी जानकारी दी है। 

दरअसल इसरो की सैटेलाइट डॉकिंग का यह प्रोग्राम दोनों सैटेलाइट्स को 15 मीटर से 3 मीटर तक करीब लाने के लक्ष्य के साथ किया गया था । इसरो सैटेलाइट को 3 मीटर तक करीब ले जाने में कामयाब रही। दोनों को करीब लाकर अब एक सुरक्षित दूरी पर भेजा जा रहा है। Space Docking Experiment (SpaDeX) मिशन का यह हिस्सा था। ISRO ने बताया कि दोनों सैटेलाइट्स को 3 मीटर तक लाने की कोशिश सफल रही। अब डाटा विश्लेषण के बाद डॉकिंग की फिर से कोशिश की जाएगी। इसरो की यह तीसरी कोशिश थी। इससे पहले भी डॉकिंग प्रोसेस को दो बार टाला जा चुका है। 

रविवार सुबह 5:17 बजे इसरो ने X पर पोस्ट किया, "15 मीटर की दूरी पर हम एक-दूसरे को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। हम हाथ मिलाने के लिए सिर्फ 50 फीट की दूरी पर हैं।" सुबह 6:19 बजे इसरो ने बताया कि दोनों उपग्रह एक दूसरे से 15 मीटर की दूरी पर हैं। इन्होंने एक-दूसरे की फोटो और वीडियो ली है। सुबह 7:06 बजे इसरो ने X पर पोस्ट कर बताया कि दोनों उपग्रह को 15 मीटर और फिर 3 मीटर तक करीब लाया गया। 
 

SpaDeX मिशन को इसरो ने 30 दिसंबर को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। मिशन का लक्ष्य छोटे अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल करते हुए अंतरिक्ष में डॉकिंग का प्रदर्शन है। इसके लिए PSLV C60 रॉकेट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। यह रॉकेट अपने साथ 220kg के दो सैटेलाइट्स को ले गया था। 

ISRO का कहना है कि SpaDeX मिशन अंतरिक्ष में डॉकिंग के लिए एक कम लागत वाली टेक्नोलॉजी को दिखाता है। भारत के भविष्य अंतरिक्ष मिशनों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीक है। चांद पर खोज और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के विकास में यह अहम रोल निभाने वाला है। मिशन में सफल होने पर भारत अंतरिक्ष डॉकिंग क्षमता रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Nothing Phone (3a) पर मिल रहा डिस्काउंट, Flipkart पर गिरी कीमत
  2. Samsung Galaxy F16 5G की सेल शुरू, 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ यहां से Rs 1 हजार सस्ते में खरीदें!
  3. 'बॉस' बनकर WhatsApp पर मांगे Rs 1.95 करोड़, पता चला ठग थे!
  4. गर्मियां शुरू होने से पहले 1.5 Ton Window AC को सस्ते में खरीदने का मौका, फ्लिपकार्ट पर तगड़ी डील
  5. BSNL ने बढ़ाई 4G नेटवर्क की रफ्तार, 83,000 से ज्यादा साइट्स हुई इंस्टॉल
  6. भारत में जल्द एंट्री कर सकती है टेस्ला, शुरू किया इलेक्ट्रिक कारों का सर्टिफिकेशन प्रोसेस
  7. वैज्ञानिकों ने तैयार किया स्किन जैसी हीलिंग पावर वाला हाइड्रोजेल, 4 घंटे में ठीक करेगा 90% चोट!
  8. Xiaomi Water Ion Hair Dryer: 1 मिनट में बाल सुखा सकता है नया शाओमी ड्रायर, जानें कीमत
  9. Nothing Phone (3a) vs Phone (2a): ज्यादा कीमत में कितना बेहतर हुआ Nothing Phone 3a? जानें यहां
  10. Google Pixel 9a के लॉन्च से पहले वीडियो हुआ लीक, फ्लैट डिजाइन के साथ ऐसा दिख रहा फोन!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »