सूर्य से निकले सौर तूफान ने बृहस्पति में डाल दी 'दरार!' नई खोज ने चौंकाया

सौर हवा को लेकर वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है जो काफी चौंकाने वाली है।

सूर्य से निकले सौर तूफान ने बृहस्पति में डाल दी 'दरार!' नई खोज ने चौंकाया

2017 में आए एक सौर तूफान ने बृहस्पति ग्रह पर गहरा प्रभाव डाला।

ख़ास बातें
  • घटना बृहस्पति के सौर प्रभावों के प्रति लचीलेपन को चुनौती देती है
  • घटना के परिणामस्वरूप तापमान 500C से अधिक हो गया
  • यह देखने में ऐसा था जैसे बृहस्पति पर एक दरार पड़ गई हो
विज्ञापन
सौर तूफान सूर्य से निकलने वाली असीम ऊर्जा होती है जो पूरे सौरमंडल को भी प्रभावित कर सकती है। सौर हवा को लेकर वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है जो काफी चौंकाने वाली है। साल 2017 में आए एक सौर तूफान का जिक्र इसमें किया गया है जिसने बृहस्पति पर ऐसा प्रभाव डाला कि इसका चुंबकीय मंडल दबाव में आ गया। इसने ग्रह के बीचों बीच एक बेहद गर्म क्षेत्र का निर्माण कर दिया जो ग्रह की लगभग आधी परिधि पर फैल गया। यह देखने में ऐसा था जैसे बृहस्पति पर एक दरार पड़ गई हो। 

सौर हवा के प्रभाव से संबंधित ऐसी घटना पहली बार रिपोर्ट की गई। इस घटना के परिणामस्वरूप तापमान 500C से अधिक हो गया, जो कि सामान्य पृष्ठभूमि में 350C रहता है। स्टडी को Geophysical Research Letters में प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया (via) है कि सूर्य में इस तरह के सौर विस्फोट महीने में कम से कम दो या तीन बार होते हैं। यह घटना बृहस्पति के सौर प्रभावों के प्रति लचीलेपन के बारे में पिछली धारणाओं को चुनौती देने वाली साबित हुई।  

रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ. जेम्स ओ डोनोग्यू ने सौर हवा के प्रभाव के बारे में कहा कि यह ऐसा था जैसे बृहस्पति के चुंबकीय कवच को एक बड़ी स्क्वैश बॉल की तरह कुचल दिया गया हो। इसी दबाव के कारण अत्यधिक गर्म क्षेत्र पैदा हुआ। Keck टेलीस्कोप और नासा के जूनो स्पेसक्राफ्ट के डेटा को मिलाकर शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला कि कम्प्रेशन के कारण बृहस्पति के ध्रुवों पर ऑरोरल हीटिंग तेज हो गई और गर्म गैस इसके इक्वेटर पर फैलती चली गई। 

यह खोज बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह दर्शाती है कि बृहस्पति जैसे विशाल ग्रह भी सौर प्रभावों के लिए बेहद संवेदनशील हैं जैसे कि हमारी पृथ्वी। इससे पहले धारणा थी कि बृहस्पति जैसे विशाल ग्रहों पर सौर हवाओं का उतना अधिक प्रभाव नहीं पड़ सकता है जितना कि पृथ्वी के वायुमंडल पर पड़ सकता है। बृहस्पति को हमेशा से एक प्रयोगशाला के रूप में माना जाता रहा है। इससे यह समझा जा सकता है कि सौर तूफान किस प्रकार ग्रहों को प्रभावित करते हैं। इस तरह की स्टडी से पृथ्वी पर अंतरिक्ष मौसम संबंधी व्यवधानों, जैसे कि जीपीएस और पावर ग्रिडों को प्रभावित करने वाले व्यवधानों के बारे में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। जिससे जानकारी और सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Amazon में बड़ा ले ऑफ, 10% कर्मचारियों की नौकरियां AI ने छीनी, इन पर मंडराया खतरा
  2. Google Pixel 10 का डिजाइन लीक, कैमरा, बैटरी और कलर्स से लेकर जानें सबकुछ
  3. Instagram रील देखने के लिए हाथों का नहीं करना पड़ेगा इस्तेमाल, आ रहा नया फीचर
  4. क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX ने चोरी हुए 378 करोड़ रुपये के फंड की रिकवरी के लिए दिया बड़े इनाम का ऑफर 
  5. Samsung की Galaxy Watch 8, Watch 8 Classic के लिए भारत में शुरू हुए प्री-ऑर्डर, जानें प्राइस, ऑफर्स
  6. Asus ने भारत में लॉन्च किया Vivobook 14, Snapdragon X प्रोसेसर, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  7. Xiaomi टैबलेट मार्केट में हल-चल मचाने की तैयारी में, लॉन्च होने वाला है नया हाई-एंड टैबलेट!
  8. Apple के फोल्डेबल  iPhone में हो सकता है Samsung के पार्ट्स का इस्तेमाल
  9. WhatsApp चैट्स खोलो या ना खोलो, अपकमिंग AI फीचर बताएगा सबसे जरूरी बातें!
  10. NASA के Perseverance रोवर ने बनाया मंगल ग्रह पर सबसे लंबी ड्राइव का रिकॉर्ड
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »