• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • पृथ्वी से टकराया सौर तूफान, बिजली ग्रिड के साथ सैटेलाइट ऑपरेशन भी प्रभावित

पृथ्वी से टकराया सौर तूफान, बिजली ग्रिड के साथ सैटेलाइट ऑपरेशन भी प्रभावित

इस G1 तूफान के कारण बिजली ग्रिड लाइनों में उतार-चढ़ाव हुआ था। इतना ही नहीं, कथित तौर पर इससे सैटेलाइट फंग्शन्स भी प्रभावित हुए।

पृथ्वी से टकराया सौर तूफान, बिजली ग्रिड के साथ सैटेलाइट ऑपरेशन भी प्रभावित

इन सोलर फिलामेंट्स को पहली बार 12 जुलाई को देखा गया था

ख़ास बातें
  • सूर्य पर मौजूद फिलामेंट सोलर मटेरियल के बादल होते हैं
  • इन फिलामेंट को बेहद अस्थिर माना जाता है
  • सोलर फिलामेंट्स को पहली बार 12 जुलाई को देखा गया था
विज्ञापन
हाल ही में हमारा ग्रह सूर्य पर फायर फिलामेंट का एक विशाल हिस्सा टूटने से पैदा हुई सौर वायु की चपेट में आया। शुरुआत में इस घटना के 20 या 21 जुलाई को होने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन ऐसा बुधवार को हुआ। हालांकि, यह चिंता की बात नहीं है, क्योंकि यह G1 जियोमैग्नेटिक तूफान हल्का था, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए कोई खतरा नहीं था। वास्तव में, अंतरिक्ष मौसम भौतिक विज्ञानी के अनुसार, इस घटना की वजह से पृथ्वी के विभिन्न हिस्सों में साफ औरोरा दृश्य देखने को मिले।

सूर्य पर मौजूद फिलामेंट सोलर मटेरियल के बादल होते हैं, जो शक्तिशाली मैग्नेटिक फोर्स के कारण इसके ऊपर मंडराते रहते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के अनुसार, इन फिलामेंट को बेहद अस्थिर माना जाता है और ये कई दिनों या हफ्तों तक मौजूद रह सकते हैं।

SpaceWeather.com के अनुसार, सोलर फिलामेंट्स को पहली बार 12 जुलाई को देखा गया था, जब एस्ट्रोनॉमर्स ने सूर्य के ब्राइट बैकग्राउंड के आगे काले धागे जैसी रेखाओं को देखा था। इसके बाद 15 जुलाई को, फूटने से पहले एक फिलामेंट सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में चला गया, जिसकी वजह से आग की एक विशाल घाटी पैदा हो गई, जिसकी लंबाई 3,84,400 km और गहराई 20,000 km थी। इस घाटी ने सोलर मटेरियल को हमारे ग्रह की ओर भेजा।

इस तरह के सोलर फिलामेंट पृथ्वी की दिशा में खतरनाक सोलर विंड (सौर वायु) धकेल सकते हैं, जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन (CMEs) कहते हैं। सौर तूफानों को उनकी शक्ति के बढ़ते क्रम में G1, G2, और G3 के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

अंतरिक्ष मौसम भौतिक विज्ञानी डॉ तमिथा स्कोव ने भी अपने ट्वीट में सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने की संभावना की जानकारी दी थी।

यह भी कहा गया था कि इस G1 तूफान के कारण बिजली ग्रिड लाइनों में उतार-चढ़ाव हुआ था। इतना ही नहीं, कथित तौर पर इससे सैटेलाइट फंग्शन्स भी प्रभावित हुए।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , solar winds, Solar Storms
गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Mahindra की XEV 9e और BE 6 इलेक्ट्रिक SUVs को जोरदार रिस्पॉन्स, 10,000 यूनिट्स की डिलीवरी
  2. भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च कर सकती है Elon Musk की Starlink
  3. AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रखेगी Google
  4. Oppo की Reno 14 के लॉन्च की तैयारी, NBTC साइट पर हुई लिस्टिंग
  5. Jio ने 5G कवरेज, क्वालिटी और अपलोड स्पीड में मारी बाजी, Airtel की डाउनलोड स्पीड पर पकड़ बरकरार!
  6. Nintendo Switch 2 में मिला 7.9-इंच डिस्प्ले, 30 गेम्स का सपोर्ट और 120Hz रिफ्रेश रेट, इस कीमत पर हुआ लॉन्च
  7. Xiaomi 16 में मिल सकता है 6.9 इंच डिस्प्ले, 7,000mAh की बैटरी
  8. Redmi Pad 2 भारत में 18 जून को होगा लॉन्च, डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस हुए टीज
  9. Tecno Pova Curve 5G की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  10. Upcoming Smartphones (June 2025): जून में लॉन्च होंगे Vivo, Poco और OnePlus के ये 3 स्मार्टफोन!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »