15 साल, 3900 घंटे के डेटा रिसर्च ने खोला ब्लू व्हेल के बारे में बड़ा राज!

हालांकि वैज्ञानिकों को अभी तक इस बात का पता नहीं लग पाया है कि असल में इन कॉल्स का क्या मतलब है।

15 साल, 3900 घंटे के डेटा रिसर्च ने खोला ब्लू व्हेल के बारे में बड़ा राज!

Photo Credit: iStock/MR1805

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि व्हेल कैसी आवाजें निकालती है।

ख़ास बातें
  • 15 साल का समय लगाकर अंटार्कटिक में रहने वाली ब्लू व्हेल्स पर स्टडी
  • रिसर्चर्स ने 3900 घंटे का साउंड डेटा इकट्ठा किया
  • अंटार्कटिक ब्लू व्हेल के वितरण और व्यवहार पर यहां रोशनी डाली गई है
विज्ञापन
व्हेल (Whale) धरती पर पाए जाने वाले सबसे बड़े जीवों में गिनी जाती हैं। समुद्र में भी व्हेल मछली शायद सबसे बड़ा जीव कहा जा सकता है। अब वैज्ञानिकों ने 15 साल का समय लगाकर अंटार्कटिक में रहने वाली व्हेल्स के ऊपर एक स्टडी की है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि व्हेल कैसी आवाजें निकालती है। नर व्हेल कैसी आवाज करती है, और मादा व्हेल कैसी आवाज करती है। वैज्ञानिकों ने एक सोनिक सर्वे में अपने नतीजे पेश किए हैं। 

इसके लिए शोधकर्ताओं ने निष्क्रिय ध्वनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जिन्हें sonobuoys कहा जाता है। इनकी मदद से रिसर्चर्स ने 3900 घंटे का साउंड डेटा इकट्ठा किया। पाया गया कि व्हेल तीन तरह की साउंड पैदा करती हैं। इन्हें वैज्ञानिकों ने 3 प्रकार की कॉल कहा है। स्टडी को मरीन मैमल अकॉस्टिशियन ब्रायन मिलर ने लीड किया है। मिलर Australian Antarctic Programme से जुड़े हैं। अंटार्कटिक ब्लू व्हेल के वितरण और व्यवहार पर यहां रोशनी डाली गई है। कहा जाता है कि औद्योगिक व्हेलिंग के दौरान इनका एक बार इतना ज्यादा शिकार किया गया था कि ये विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गईं थीं। स्टडी को Frontiers in Marine Science में पब्लिश किया गया है। 

जो जानकारी वैज्ञानिकों ने जुटाई है वह उन्हें ब्लू व्हेल की जनसंख्या को मॉनिटर करने में मदद करेगी। डेटा खंगालने पर शोधकर्ताओं ने पाया कि व्हेल तीन खास तरह की आवाज पैदा करती हैं। इसमें एक प्रकार की कॉल को Z-कॉल कहा गया है, जो कि सिर्फ नर व्हेल पैदा करते हैं। Unit-A कॉल सिर्फ इसी क्षेत्र में पाई गई एक और तरह की कॉल बताई है। जबकि D-कॉल नर और मादा, दोनों के द्वारा पैदा की जाती है। इन कॉल्स की मदद से वैज्ञानिक व्हेल की जनसंख्या और बर्ताव को समझ सकते हैं। 

हालांकि वैज्ञानिकों को अभी तक इस बात का पता नहीं लग पाया है कि असल में इन कॉल्स का क्या मतलब है। लेकिन ड्रोन फुटेज और AI एल्गोरिदम की मदद से रिसर्चर्स इनका मतलब जल्द ही पता लगा लेंगे। इससे ब्लू व्हेल की जनसंख्या पर क्लाइमेट चेंज का क्या प्रभाव हुआ है, भी सामने आ सकता है। साथ ही इनका मुख्य भोजन स्रोत क्रिल भी पता चला है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Research On Blue Whale, blue whale, Blue Whale sound
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Ola Electric को लगा झटका, बिक्री घटकर हुई आधी
  2. Vivo S50, S50 Pro Mini की लॉन्च डेट लीक, 16GB रैम के साथ मिलेगा दमदार प्रोसेसर!
  3. Flipkart Buy Buy 2025 सेल में Rs 9 हजार से भी सस्ते मिल रहे Samsung, Redmi, Poco के धांसू फोन
  4. Razer के नए Hammerhead V3 इयरफोन्स लॉन्च, 11mm ड्राइवर से लैस, जानें कीमत
  5. संभलकर! AI से कभी न करें ऐसे सवाल, हो सकता है भारी नुकसान
  6. ये हैं एलियन इयरबड्स! Nubia के CyberBuds अनोखी थीम के साथ लॉन्च, 48 घंटे की बैटरी
  7. Flipkart Buy Buy 2025 Sale: Rs 20 हजार से सस्ते मिल रहे Vivo T4R 5G, Motorola G96 5G, Galaxy A35 5G जैसे धांसू फोन
  8. 32 इंच बड़े डिस्प्ले के साथ सस्ता टीवी Xiaomi ने किया लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  9. भारत में स्मार्टफोन लोकेशन ट्रैकिंग के प्रपोजल के खिलाफ Apple और Samsung
  10. Tata Motors के लिए Harrier इलेक्ट्रिक बनी सबसे अधिक बिकने वाला EV
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »