पिछले कई वर्षों से दुनिया भर में डायनासोर को लेकर बहुत से अनुमान लगाए गए हैं। वैज्ञानिकों ने पश्चिम अफ्रीका में गिनी के तट के निकट एक बड़े विस्फोट से बना एक क्रेटर खोजा है और उनका कहना है कि यह डायनासोर के गायब होने पर बना हो सकता है। यह लगभग 6.6 करोड़ वर्ष पुराना है।
New York Times ने एक रिसर्च के हवाले से प्रकाशित
रिपोर्ट में कहा है कि यह क्रेटर समुद्र की सतह से 300 मीटर से अधिक नीचे है। इसका डायमीटर लगभग 8.5 किलोमीटर का है। इसकी पहचान ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक Uisdean Nicholson ने क्लाइमेट चेंज से जुड़े एक अन्य प्रोजेक्ट के लिए सेस्मिक डेटा का विश्लेषण करने के दौरान की है। उन्होंने बताया, "मैं पिछले 20 वर्षों से इस तरह के सर्वे का विश्लेषण कर रहा हूं लेकिन मैंने कभी ऐसी कोई चीज नहीं देखी।" Nicholson क्रेटर की खुदाई कर उसमें मौजूद खनिजों की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि क्या यह एक एस्ट्रॉयड के टकराने से बना था या नहीं।
हाल ही में भारत में मध्य प्रदेश के धार में डायनासोर के अंडे की
खोज का दावा किया गया था। इस अंडे के अंदर भी एक अंडा मिला है। यह अंडे डायनासोर जीवाश्म नेशनल पार्क में पाए गए। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी एक स्टडी के अनुसार, यह खोज ‘अनूठी और महत्वपूर्ण' है। इससे पहले किसी सरीसृप में अंडे के अंदर अंडे की खोज नहीं की गई। यह इस बात पर भी रोशनी डाल सकता है कि क्या डायनासोर की रिप्रोडक्टिव बायलॉजी कछुओं, मगरमच्छों या पक्षियों के समान थी। गौरतलब है कि डायनासोर के जीवाश्म अपर क्रेटेशियस लैमेटा फॉर्मेशन में पाए गए हैं, जो पश्चिम और मध्य भारत में 5,000 किलोमीटर तक फैला है।
इसका मतलब है कि मध्य और पश्चिमी भारत में डायनासोर के जीवाश्मों से काफी जानकारी मिल सकती है। खासतौर पर उनके प्रजनन के बारे में। वैज्ञानिक अबतक मानते हैं कि डायनासोर का प्रजनन रेप्टाइल्स जैसा था, पर उनमें अंडे के अंदर अंडा नहीं होता। ऐसा कहा जा रहा है कि जो अंडा मिला है, वह टाइटनोसॉरिड डायनासोर का है। इनका आकार करीब 50 फीट तक होता था। ये क्रेटेशियस पीरियड के दौरान दक्षिणी गोलार्ध में रहते थे। वैज्ञानिक इन डायनासोरों के बारे में अबतक ज्यादा खोज नहीं कर पाए हैं।