गजब : वैज्ञानिकों ने खोजा ‘कॉटन कैंडी’ जैसा नरम और हल्‍का ग्रह

Cotton candy Planet : एक्‍सोप्‍लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है जो हमारे सूर्य की नहीं, किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं।

गजब : वैज्ञानिकों ने खोजा ‘कॉटन कैंडी’ जैसा नरम और हल्‍का ग्रह

Photo Credit: Nasa

यह खोज वैज्ञानिकों के लिए उत्‍साह बढ़ाने वाली है। वह सोलर सिस्‍टम के बाहर मौजूद ग्रहों को तलाशने के लिए और उत्‍सुक होंगे।

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों ने खाेजा नया एक्‍सोप्‍लैनेट
  • यह एक नरम और हल्‍का एक्‍सोप्‍लैनेट है
  • इसका द्रव्‍यमान बृहस्‍पति के द्रव्‍यमान के 10वें हिस्‍से जितना है
विज्ञापन
जब भी किसी प्‍लैनेट यानी ग्रह का जिक्र होता है तो जेहन में भारी-भरकम चट्टानी स्‍ट्रक्‍चर याद आता है। लेकिन इस दफा वैज्ञानिकों ने एक एक्‍सोप्‍लैनेट (Exoplanet) को खोजा है, जो नरम और हल्‍का है। एक रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने इसकी तुलना कॉटन कैंडी (cotton candy) से की है। एक्‍सोप्‍लैनेट उन ग्रहों को कहा जाता है जो हमारे सूर्य की नहीं, किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं। एक्‍सोप्‍लैनेट का नाम WASP-193 b है। यह हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति की चौड़ाई का लगभग 1.5 गुना है, लेकिन इसका द्रव्यमान बृहस्‍पति के दसवें हिस्से जितना है। 

यही वजह है कि WASP-193 b को एक्‍सोप्‍लैनेट्स के मामले में दूसरा सबसे हल्‍का ग्रह कहा जा रहा है। वैज्ञानिक अबतक 5400 से ज्‍यादा एक्‍सोप्‍लैनेट्स को खोज चुके हैं। सबसे हल्‍का एक्‍सोप्‍लैनेट Kepler 51 d को कहा जाता है।

बात करें, WASP-193 b की तो यह हमारी पृथ्‍वी से लगभग 1200 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह अपने तारे से करीब 6.3 मिलियन मील की दूरी पर उसकी परिक्रमा करता है। इसे अपने सूर्य का एक चक्‍कर पूरा करने में 6.2 पृथ्‍वी दिवस लग जाते हैं। 

यह खोज वैज्ञानिकों के लिए उत्‍साह बढ़ाने वाली है। वह सोलर सिस्‍टम के बाहर मौजूद ग्रहों को तलाशने के लिए और उत्‍सुक होंगे। क्‍या पता किसी दिन ऐसा प्‍लैनेट भी मिल जाए, जहां जीवन की संभावना हो। इस खोज को अंजाम देने वाली टीम के को-लीडर और मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी (MIT) के साइंटिस्‍ट खालिद बरकौई ने एक बयान में कहा कि इतनी कम डेंसिटी वाले विशाल ग्रहों को ढूंढना दुर्लभ है। इसे आप फूला हुआ बृहस्‍पति भी कह सकते हैं। हालांकि यह रहस्‍य है कि असल में वह क्‍या है।  

वैज्ञानिकों की टीम ने वाइड एंगल सर्च फॉर प्लैनेट्स (WASP) सिस्‍टम का इस्‍तेमाल करके WASP-193 का पता लगाया। WASP को दो रोबोटिक ऑब्‍जर्वेटरी और टेलीस्‍कोप एैरे मिलाकर बनाया गया है। एक ऑब्‍जर्वेटरी उत्तरी गोलार्ध में और दूसरी दक्षिणी गोलार्ध में है। यह रिसर्च जर्नल नेचर एस्‍ट्रोनॉमी में पब्लिश हुई है। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo का V50e जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा
  2. Vivo का V50e जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा
  3. 'अंतरिक्ष से शानदार दिखता है भारत', NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स ने जानकारी
  4. इटालियन ब्रांड VLF भारत में 2 अप्रैल को लॉन्च कर रहा है नया इलेक्ट्रिक स्कूटर, शेयर किया टीजर
  5. Amazfit ने लॉन्च की 14 दिनों के बैटरी बैकअप, 140 से ज्यादा वर्कआउट सपोर्ट वाली Bip 6 स्मार्टवॉच, जानें कीमत
  6. ChatGPT Down: Ghibli ट्रेंड के वायरल होते ही ठप्प पड़ गया AI चैटबॉट, X पर छाए मीम्स!
  7. Haier ने भारत में लॉन्च किए 85-इंच साइज तक के 4 स्मार्ट TV, कीमत Rs 57,990 से शुरू
  8. भारत में iPhone की मैन्युफैक्चरिंग को दोगुना करेगी Apple की सप्लायर Foxconn 
  9. IPL Match Today Live Streaming: LSG vs PBKS मैच को आज कब, कहां, कैसे देखें फ्री? जानें सबकुछ
  10. 19 हजार रुपये सस्ता मिल रहा OnePlus 12, Amazon पर आई तगड़ी डील
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »