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सौर मंडल में जितने भी ग्रह हैं, उनमें
शनि ग्रह (Saturn) सबसे अलग है। इसे यूनीक बनाते हैं इसके छल्ले, जिन्हें शनि की रिंग्स भी कहा जाता है। इन रिंग्स का निर्माण बर्फीले कणों और चट्टान के छोटे टुकड़ों से हुआ है। शनि ग्रह को एक चक्र के रूप में घेरे ये छल्ले काफी खूबसूरत दिखाई देते हैं। कई स्टडीज में यह दावा किया जा चुका है कि शनि ग्रह के छल्ले भविष्य में गायब हो जाएंगे। हालांकि ऐसा होने में अभी लाखों साल बाकी हैं। लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2025 में ऑप्टिकल भ्रम (optical illusion) की वजह से पृथ्वी से इन छल्लों को देखा नहीं जा सकेगा।
एनडीटीवी की एक
रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग पृथ्वी से शनि ग्रह की तस्वीरें लेना चाहते हैं, उनके लिए यह मायूस होने वाली जानकारी है। शनि ग्रह के छल्लों के गायब होने की वजह भी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, शनि ग्रह हमारी पृथ्वी के साथ बेहतर अलाइनमेंट में नहीं है। यह लगभग 9 डिग्री के एंगल पर झुका है। साल 2024 तक शनि का एंगल घटकर लगभग 3.7 डिग्री रह जाएगा।
इसके एक साल बाद पृथ्वी से और दूर जाने की वजह से शनि ग्रह के छल्ले यानी रिंग्स पृथ्वी के समानांतर किसी पतली क्षैतिज पट्टी (horizontal strip) की तरह दिखेंगे। यानी इन्हें पृथ्वी से देखना नामुमकिन हो जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना साल 2032 तक जारी रहेगी, जब तक छल्लों का निचला हिस्सा पृथ्वी के सामने नहीं आ जाता।
रिपोर्ट कहती है कि हमारा सौर मंडल और उसके ग्रह 4.6 अरब साल पहले बने, लेकिन शनि ग्रह की रिंग्स नई संरचनाएं हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) इन्हें धूमकेतुओं और एस्टरॉयड्स के टुकड़े मानती है। कहा जाता है कि शनि ग्रह पर पहुंचने से पहले ही धूमकेतु और एस्टरॉयड्स के टुकड़े टूट गए। शनि की रिंग्स अपने ग्रह से 2 लाख 82 हजार किलोमीटर तक फैली हुई हैं।